Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Jul, 2020 03:46 PM
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी सहित दूसरी जगहों पर चीन से गतिरोध के बाद अब भारत और ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। भारत-चीन सीमा पर तैनात ITBP जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। अब ITBP जवान चाइनीज लैंग्वेज सीखेंगे, अब आपको ITBP के जवान ''नी हाओ'' यानी...
नेशनल डेस्कः पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी सहित दूसरी जगहों पर चीन से गतिरोध के बाद अब भारत और ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। भारत-चीन सीमा पर तैनात ITBP जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। अब ITBP जवान चाइनीज लैंग्वेज सीखेंगे, अब आपको ITBP के जवान 'नी हाओ' यानी नमस्कार और 'हुई कु' यानी पीछे हट जाओ जैसी चीनी भाषा को बोलते नजर आएंगे। इसका मकसद है सीमा पार तैनात चीनी सैनिकों से भारतीय सुरक्षाबल बेहतर तरीके से संवाद कर सकें। भारत सरकार इस कोर्स की संख्या को अब और बढ़ाएगी साथ ही जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग प्लान भी तैयार किया जाएगा।
मसूरी में कराया जाएगा कोर्स
शुरुआत में ITBP ने मसूरी स्थित एकेडमी में इस कोर्स को शुरू किया था। कोरोना की वजह से बीच में इस कोर्स को रोका गया था लेकिन अब दोबारा इस कोर्स को फिर से मसूरी में शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर तैनात ITBP के करीब 90 हजार जवानों को बेसिक चाइनीज लैंग्वेज की ट्रेनिंग देने का प्लान बनाया जा रहा है। अब इस कोर्स को और आधुनिक बनाया जाएगा रिफ्रेशर कोर्स भी शामिल किए जाएंगे। सेना के जवानों को चीनी भाषा सिखाने की जिम्मेदारी आईटीबीपी के चाइनीज लैंग्वेज डिपार्टमेंट की है जहां इससे जुड़े पाठ्यक्रम को नया रूप देने की योजना पर काम चल रहा है।