Edited By shukdev,Updated: 10 Dec, 2018 08:49 PM
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से सोमवार को अलग होने के बाद असम गण परिषद (एजीपी) ने भी असम में सत्तारूढ़ भाजपा से गठबंधन तोडऩे की चेतावनी दी है। पार्टी ने ‘रास नहीं आ रहे’ नागरिकता...
गुवाहाटी: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से सोमवार को अलग होने के बाद असम गण परिषद (एजीपी) ने भी असम में सत्तारूढ़ भाजपा से गठबंधन तोडऩे की चेतावनी दी है। पार्टी ने ‘रास नहीं आ रहे’ नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के संसद में पारित होने की सूरत में भाजपा से संबंध तोडऩे की बात कही है। एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिख कर कहा कि इस तरह की संभावना होने पर पार्टी के पास मौजूदा गठबंधन तोडऩे’ के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।
बोरा ने सोमवार को पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जिसमें लिखा है कि एजीपी 1985 के असम समझौते को लागू करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य का राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मसौदा भी समझौते के अनुरूप तैयार किया गया है। एजीपी नागरिकता विधेयक का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि इसके पारित होने से राज्य में एनआरसी को लेकर किए गए कार्य का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।