राष्ट्रपति चुनाव: केजरीवाल को भाव नहीं दे रही कांग्रेस!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 01:54 PM

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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं।

नई दिल्लीः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। इनमें से एक खेमे में सत्ताधारी एनडीए है तो दूसरी तरफ कांग्रेस व अधिकतर विपक्षी पार्टियां। खबरें है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आप) इन दोनों ही खेमों में नहीं है। दरअसल, कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए 'संयुक्त विपक्ष' में आम आदमी पार्टी की एंट्री न हो। कांग्रेस का मानना है कि 'आप' खुद को भाजपा से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, सीपीएम महाप्रमुख सीताराम येचुरी और जेडीयू लीडर शरद यादव से मिलकर इस खेमे में आने की इच्छा जताई थी। 'आप' की दलील थी कि अगर तृणमूल-सीपीएम, कांग्रेस-लेफ्ट और एसपी-बीएसपी जैसी राजनीतिक तौर पर विरोधी पार्टियां साथ आ सकती हैं तो वह क्यों नहीं? 
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क्यों आप के खिलाफ कांग्रेस? 
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इस दलील को 'आप' के अंदर मची कलह के आधार पर खारिज कर दिया। कांग्रेस का मानना है कि 'आप' के 4 में से 3 सांसदों ने पहले ही केजरीवाल के नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में अगर वह संयुक्त विपक्ष के साथ खड़ी भी हो जाती है तो वोटों में कुछ खास फर्क नहीं आएगा। इसलिए वह इस पार्टी को लाइफलाइन देने के मूड में नही है। वहीं, राष्ट्रपति उम्मीदवार के ऐलान के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि भाजपा के कदम का इंतजार करना चाहिए। जबकि कुछ नेताओं ने विपक्ष के उम्मीदवार का ऐलान पहले करने की बात कही है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव का नोटिफिकेशन बुधवार को जारी हो गया है, जबकि नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है।

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