Edited By Yaspal,Updated: 14 Jul, 2020 05:20 PM
राजस्थान में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आज सचिन पायल के खिलाफ पारित किया गया और उसके तुरंत बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सचिन पायलट के...
नेशनल डेस्कः राजस्थान में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आज सचिन पायल के खिलाफ पारित किया गया और उसके तुरंत बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सचिन पायलट के समर्थन में आ गए हैं। जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया, “ सचिन पायलट सिर्फ एक सहयोगी ही नहीं बल्कि मेरे दोस्त भी हैं। कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता है कि वर्षों से उन्होंने पार्टी के लिए समर्पण के साथ काम किया है। उम्मीद है कि परिस्थितियां सुधरेंगी। दुखद है कि बात यहां तक पहुंची।“
गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने के लिए पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ी कार्रवाई की है। पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। इससे पहले सचिन पायलट ने ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।“ कार्रवाई से पहले सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने अशोक गहलोत को सीएम मानने से इनकार कर दिया था। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं।
MP के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती है बीजेपी- गहलोत
राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था। गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए। गहलोत ने कहा, 'सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं हैं। वह तो केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं...जो रिसॉर्ट सहित बाकी सारे बंदोबस्त करने में जुटी है।'
उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास चल रहे थे। पायलट सहित तीन मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है। गहलोत ने कहा, 'आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी, न आलाकमान।'