Edited By Anil dev,Updated: 12 Oct, 2020 05:26 PM
कोरोना वायरस के दौर में जहां अपनों ने ही अपनों से मुंह फेर लिया था, तब 54 वर्षीय आरिफ खान ने पिछले 5 महीनों में 200 से ज़्यादा पार्थिव शवों को उनके देह संस्कार और कोरोना संक्रमित मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने का कार्य किया। वह कोरोना को हरा न पाए, वायरस...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के दौर में जहां अपनों ने ही अपनों से मुंह फेर लिया था, तब 54 वर्षीय आरिफ खान ने पिछले 5 महीनों में 200 से ज़्यादा पार्थिव शवों को उनके देह संस्कार और कोरोना संक्रमित मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने का कार्य किया। वह कोरोना को हरा न पाए, वायरस से संक्रमित होकर उन्होंने अपनी ही जान गवा दी। आरिफ खान की इस कुर्बानी को लेकर नायब सद्रे जम्हूरिया वेंकैया नायडू ने भी सलाम किया है। उन्होंने इतवार के रोज़ ट्वीट करते हुए लिखा कि आरिफ खान की मौत समाज के लिए बड़ा नुकसान है, कोरोना के खिलाफ मुहिम में सुपुर्द योद्धा दिल्ली के आरिफ खान की मौत की खबर से दुखी हूं। आज देश के तमाम लोग उनके जज़्बे को सलाम कर रहें है। आईए देखते हैं ये खास रिपोर्ट।