Edited By Anil dev,Updated: 13 Oct, 2020 06:08 PM
कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की सड़कों पर परसी चुप्पी, किसी अपने की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार, खाली पड़ी रायसीना रोड की सड़कों, खान मार्केट की बंद दुकानों और शून्य में निहारती प्रवासी कर्मी की...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की सड़कों पर परसी चुप्पी, किसी अपने की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार, खाली पड़ी रायसीना रोड की सड़कों, खान मार्केट की बंद दुकानों और शून्य में निहारती प्रवासी कर्मी की आंखों को शहर की एक फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद कर एक पुस्तक के रूप में पेश किया है। हकीकत को कैमरे में उतारने वाली पारुल शर्मा की तस्वीरों को डायलेक्ट्स ऑफ साइलेंस: दिल्ली अंडर लॉकडाउन पुस्तक में प्रकाशित किया गया है।
दिल्ली की फोटोग्राफर शर्मा ने कहा जब 23 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था, उस समय शहर में कोई नहीं जानता था कि उनके घर के बाहर क्या हो रहा है। शहर में भयानक सन्नाटा पसरा था और डर का माहौल था। अफवाहें फैल रही थीं और लोग सोशल मीडिया पर भयभीत करने वाली कहानियां बयां कर रहे थे। मुझे लगा कि ऐसे मैं बाहर निकल कर वास्तविकता देखना सही होगा। शर्मा ने इस दौरान करीब 10,000 तस्वीरें खींची, जिनमें से उनकी पहली किताब में करीब 120 तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं।
रायसीना की खाली सड़कों, खान मार्केट, कनॉट प्लेस एवं पुरानी दिल्ली में बेचैन करने वाली शांति, बेरोजगार हुए प्रवासी कर्मियों, श्रमिकों एवं यौन कर्मियों की व्यथा, थक चुकी एवं अपर्याप्त स्वास्थ्य प्रणाली और प्लास्टिक में लिपटे शवों का परिजन की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार जैसे दृश्यों को कैमरे में कैद किया गया है।