बुजुर्ग ने स्कूटी हटाने को कहा तो इतना पीटा हो गई मौत

Edited By Anil dev,Updated: 13 Oct, 2018 09:33 AM

delhi scooti police

बेरहम हो गई दिल्ली! इस बुजुर्ग का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने पड़ोसी को कहा कि वे अपनी स्कूटी उनके गेट के सामने से हटा लें, बस फिर क्या था पड़ोसी ने बुुजुर्ग की इतनी बेरहमी से सड़क पर पिटाई की कि बुजुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बुजुर्ग की...

पश्चिमी दिल्ली(नवोदय टाइम्स): बेरहम हो गई दिल्ली! इस बुजुर्ग का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने पड़ोसी को कहा कि वे अपनी स्कूटी उनके गेट के सामने से हटा लें, बस फिर क्या था पड़ोसी ने बुुजुर्ग की इतनी बेरहमी से सड़क पर पिटाई की कि बुजुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बुजुर्ग की पिटाई की घटना एक सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई, जिसमें साफ है किस कदर आरोपी बुजुर्ग को बेरहमी से मार रहा है और ये फुटेज पुलिस के पास भी थी, लेकिन पुलिस ने इस संगीन मामले में कार्रवाई न करके हल्की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को थाने से जमानत दे दी। शुक्रवार को बुजुर्ग की मौत के बाद ये वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद अब पुलिस केस में लीपापोती करने में जुटी है। बुजुर्ग की पिटाई का ये मामला पटेल नगर थाना क्षेत्र के शादीपुर इलाके का है। 

पिटाई से बुजुर्ग की हो गई मौत
सीसीटीवी में जिस बुजुर्ग की पिटाई की गई और मौत हुई है उसका नाम भोपाल सिंह है, जो अपने परिवार के साथ बलजीत नगर इलाके में रहते थे और राजमिस्त्री का काम करते थे। कुछ दिनों पहले ही भोपाल सिंह के पड़ोस में आरोपी के परिवार ने घर खरीदा था। पर इनके आने के बाद से ही दोनों के बीच सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने को लेकर कई बार विवाद हो चुका था। वीरवार सुबह भी भोपाल सिंह जब सोकर उठे और घर के बाहर आए तो पाया कि पड़ोसी ने अपनी स्कूटी ठीक उनके घर के बाहर लगा रखी है। इसके बाद भोपाल सिंह पड़ोसी के घर पहुंचे और घर के सामने से स्कूटी हटाने को कहा। पड़ोसी के बेटे विपिन ने स्कूटी हटाने से मना कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। झगड़े की आवाज सुनकर वहां भीड़ जमा हो गई। 

 बेसुध होकर जमीन पर नहीं गिर गया भोपाल सिंह 
झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई और विपिन ने भोपाल सिंह की पिटाई शुरू कर दी। भोपाल सिंह को पिटता देख एक अन्य पड़ोसी प्रमोद ने बीच बचाव की कोशिश की पर विपिन के सामने उसकी एक न चली और तब तक भोपाल सिंह को पीटता रहा, जब तक कि भोपाल सिंह बेसुध होकर जमीन पर नहीं गिर गया। पिता के साथ मारपीट होने की जानकारी मिलते ही मृतक का बेटा मुकेश वहां पहुंचा, तब तक विपिन वहां से जा चुका था। मुकेश बेसुध पड़े अपने पिता को पास के अस्पताल ले गया, स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें आरएमएल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां शुक्रवार दोपहर इलाज के दौरान ही भोपाल सिंह की मौत हो गई। मौत की सूचना के बाद पहुंची पटेल नगर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।

कहां गए बुजुर्गों की रखवाली के दावे?
पुलिस आयुक्तअमूल्य पटनायक सहित पुलिस का दावा है कि राजधानी में बुजर्गों की सुरक्षा के लिए पुलिस सदैव तत्पर है और उनके साथ हुई हर वारदात में पुलिस सख्त कार्रवाई करती है। लेकिन भोपाल सिंह की मौत ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। बता दें कि यह झगड़ा बीते दिन हुआ था, और पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर मौके से सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में भी लिया था, मौके पर जांच अधिकारी ने पड़ोसियों के बयान दर्ज किए थे, लेकिन मृतक एक गरीब था, इसलिए पुलिस ने महज हल्की धाराओं में मामले को दर्ज किया और पटेल नगर एसएचओ ने थाने से उसे जमानत दे दी। बताया जाता है कि उसके बाद आरोपी ने वापिस आने के बाद परिजनों को देख लेने की धमकी भी दी, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। 

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