दिल्लीः केजरीवाल को झटका, कोर्ट ने ED के समन पर रोक लगाने से किया इनकार

Edited By Yaspal,Updated: 15 Mar, 2024 06:39 PM

delhi shock to kejriwal court refuses to stay ed summons

दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत के समन आदेश के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया

नेशनल डेस्कः दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत के समन आदेश के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। एसीएमएम अदालत ने कथित आबकारी शुल्क नीति मामले से संबंधित धनशोधन मामले में समन का पालन नहीं करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर पहले केजरीवाल को शनिवार को अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने ईडी और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद दोनों पुनरीक्षण याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मुख्यमंत्री ने नयी दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित अदालत के समक्ष एसीएमएम अदालत के समन आदेश के खिलाफ दो आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाएं दायर की थीं।

केजरीवाल के वकील ने अदालत को जानकारी दी कि उनके मुवक्किल ने बताया था कि एक मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी होने के कारण वह समन के बावजूद इतने दिनों तक उपस्थित नहीं हो पाये, लेकिन ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया। जस्टिस सयाल ने कहा कि समन के बावजूद उपस्थित नहीं होने पर अधिकतम सजा एक महीने की जेल/जुर्माना है। वकील ने अदालत से केजरीवाल को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अनुमति देने का अनुरोध किया।

ईडी के वकील ने बचाव पक्ष के वकील की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह एक आम आदमी हैं और आम लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं। क्या उन्हें इस तरह बहाने बनाने की इजाजत दी जा सकती है? क्या एक आम आदमी को इस तरह के बहाने बनाने की इजाजत होगी, जबकि वह आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। इससे पहले, एसीएमएम दिव्या मल्होत्रा ने ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने के लिए समन जारी किया था। 

सरकारी वकील ने कहा कि कि प्रतिवादी/प्रस्तावित अभियुक्त समन का पालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य था, लेकिन कथित तौर पर वह ऐसा करने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि एक लोक सेवक द्वारा जारी किये गये विभिन्न समन का अनुपालन नहीं किये जाने को अलग अपराध माना जाता है। इस मामले में ईडी का आरोप है कि कुछ निजी कंपनियों को थोक कारोबार में 12 फीसदी का मुनाफा देने की साजिश के तहत आबकारी शुल्क नीति लागू की गयी थी। ईडी का यह भी आरोप है कि आरोपी 2021-22 की आबकारी नीति की तैयारी को लेकर केजरीवाल के संपर्क में थे। 

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