महाराष्ट्रः पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावा, दो साल पहले हाथ मिलाना चाहती थी एनसीपी

Edited By Yaspal,Updated: 23 Jun, 2020 11:08 PM

devendra fadnavis claims ncp wanted to join hands two years ago

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) दो साल पहले भाजपा से हाथ मिलाना चाहती थी और कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने या बदलने का यह वक्त नहीं है। महाराष्ट्र कोरोना वायरस महामारी से जूझ...

पुणेः पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) दो साल पहले भाजपा से हाथ मिलाना चाहती थी और कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने या बदलने का यह वक्त नहीं है। महाराष्ट्र कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। पुणे में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए फड़णवीस ने दावा किया कि शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा दो साल पहले महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार का हिस्सा बनना चाहती थी।

विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "यह सरकार का मूल्यांकन करने का समय नहीं है। यह (कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर) सवाल करने का समय है। यह कमियों को रेखांकित करने का समय है।" उन्होंने कहा, "लेकिन यह कमियों के आधार पर सरकार का मूल्यांकन करने का समय नहीं है। यह कहने का वक्त नहीं है कि मुख्यमंत्री को बदला जाए या इस सरकार की जरूरत नहीं है।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल के रूप में भाजपा, शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार की कमियों को रेखांकित कर रही है। फड़णवीस ने कहा, "हमें केवल यह देखना है कि कमियों को कैसे दूर किया जा सकता है और उन्हें सरकार के सामने कैसे रखा जा सकता है और हम यही कर रहे हैं।" एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई नया राजनीतिक समीकरण नहीं बन रहा है। पिछले साल भाजपा राज्य की सत्ता से बाहर हो गई थी।

भाजपा नेता ने कहा, " कोई नया समीकरण नहीं बन रहा है। सरकार बदलना या गिराना हमारा एजेंडा नहीं है... सब देख रहे हैं कि सरकार कैसे चल रही है और मुझे इसे अलग तरीके से देखने की कोई आवश्यकता नहीं है।" मराठी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के संबंध में किए गए सवाल पर फड़णवीस ने कहा कि राकांपा दो साल पहले भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहती थी जब वह मुख्यमंत्री थे। उन्होंने दावा किया, " वे दो साल पहले हमारे साथ आना चाहते थे। इस संबंध में बैठकें हुईं, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया कि भाजपा शिवसेना से संबंध नहीं तोड़ेगी। यह घटनाक्रम आगे नहीं बढ़ सका।"

 

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