पिछले हादसों से नहीं लिया सबक...करूर में भगदड़ के बाद विचलित कर रहा मंजर, अस्पतालों में मातम,अब तक 36 की मौत

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 11:23 PM

disturbing scene after stampede in karur mourning in hospitals

तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और नेता विजय की एक जनसभा के दौरान हुई भगदड़ में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस दर्दनाक हादसे में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को आसपास के विभिन्न अस्पतालों...

नेशनल डेस्कः तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और नेता विजय की एक जनसभा के दौरान हुई भगदड़ में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस दर्दनाक हादसे में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को आसपास के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
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यह घटना तमिलगा वेट्री कझगम (टीवीके) प्रमुख विजय के राज्यव्यापी दौरे के दौरान आयोजित रैली में हुई। रैली स्थल पर उपस्थित भारी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विजय छह घंटे देरी से नमक्कल की रैली के बाद करूर पहुंचे, जिससे वहां मौजूद लोग लंबे समय तक इंतजार करते रहे। इस दौरान अचानक कुछ लोग बेहोश होकर गिर पड़े, जिससे भगदड़ मची। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिससे भारी जनहानि हुई।

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करूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन आर शांतिमलार ने बताया कि मृतकों में छह बच्चे, नौ पुरुष और 16 महिलाएं शामिल हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने मृतकों की संख्या 29 बताई, जबकि इलाजरत घायल 50 से अधिक हैं। तिरुचि और सलेम से 44 डॉक्टरों को आपातकालीन सहायता के लिए करूर भेजा गया है।

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अधिकतम अनुमति के बावजूद बढ़ी भीड़, प्रशासन नाकाम

इस रैली में प्रशासन ने केवल 10,000 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी थी, लेकिन वहां भारी संख्या में लोग जमा हो गए, जिससे भीड़ नियंत्रण के सारे नियम ध्वस्त हो गए। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। यह पहली बार नहीं है जब ऐसे आयोजनों में भगदड़ हुई है।

पूर्व की बड़ी घटनाएं: बेंगलुरु और नई दिल्ली की भीषण भगदड़

इस तरह की त्रासद घटनाएं केवल करूर तक सीमित नहीं हैं। हाल ही में बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान भी भगदड़ हुई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक घायल हुए। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक किलोमीटर के दायरे में करीब 50,000 लोग जमा हो गए थे। आयोजकों ने भारी भीड़ के बावजूद स्टेडियम के अंदर कार्यक्रम जारी रखा, जिसके चलते कड़ी आलोचना हुई।

इसके अलावा, इस साल 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी भगदड़ हुई थी, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई और 15 घायल हुए। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारी यातायात और भारी सामान की वजह से फुट ओवरब्रिज पर दबाव बढ़ा, जिससे दुर्घटना हुई। सरकार ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक मुआवजा दिया।

प्रशासन की जिम्मेदारी और भविष्य के लिए चेतावनी

बार-बार ऐसे हादसे प्रशासन की लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की कमी को उजागर करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त नियमों का पालन करना और आपातकालीन व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना बेहद जरूरी है। वहीं, आयोजकों और पुलिस को भीड़ के आंकड़ों की सही जानकारी रखकर नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी बनाना होगा।

करूर की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हम पूर्व में हुए हादसों से सबक ले पाए हैं? अब वक्त आ गया है कि प्रशासन और सरकार मिलकर भीड़ प्रबंधन के नियमों को कड़ाई से लागू करें और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि और लोगों की जान बचाई जा सके।

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