'मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे हुए तो चुनाव आयोग होगा जिम्मेदार', DIG को हटाने पर भड़कीं ममता

Edited By Yaspal,Updated: 15 Apr, 2024 06:13 PM

election commission removed dig of murshidabad

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘पक्ष' लेने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की और चेतावनी दी कि यदि राज्य में एक भी दंगा हुआ तो वह आयोग के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर देंगी

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘पक्ष' लेने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की और चेतावनी दी कि यदि राज्य में एक भी दंगा हुआ तो वह आयोग के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर देंगी। अलीपुरद्वार में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर मुर्शिदाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) को हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘आज भी, केवल भाजपा के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। भाजपा दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती है। अगर एक भी दंगा होता है, तो इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून-व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।''

55 दिनों तक भूख हड़ताल भी कर सकती हूं
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह 55 दिन तक चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं (सिंगुर में भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रदर्शन के दौरान)किसानों के लिए 26 दिनों तक अनशन कर सकती हूं, तो मैं आपके कार्यालय के बाहर 55 दिनों तक भूख हड़ताल भी कर सकती हूं।'' बनर्जी ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की धमकी देने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देखूंगी कि आपके पास कितनी जेल हैं। आपके पास कितने पुलिसकर्मी हैं? आप कितने लोगों को पीटेंगे? मुझ पर कई बार हमला हुआ है। मुझे पता है कि कैसे लड़ना है। मैं कायर नहीं हूं।''

दिन में इसके पहले कूच बिहार में एक रैली को संबोधित करने के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयकर अधिकारियों को उन हेलीकॉप्टर की जांच करने की चुनौती दी, जिनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कर रहे हैं। ममता का यह बयान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उस दावे को लेकर उपजे विवाद के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी द्वारा इस्तेमाल किए गए हेलीकॉप्टर को निशाना बनाकर आयकर अधिकारियों द्वारा ‘छापा' मारा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आयकर अधिकारियों ने छापेमारी की और परीक्षण (ट्रायल रन) से पहले अभिषेक बनर्जी के हेलीकॉप्टर की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। उन आयकर अधिकारियों ने दावा किया कि उनके पास सूचना थी कि हेलीकॉप्टर में पैसा और सोना है, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। हम इस तरह की गतिविधियों में लिप्त नहीं रहते।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा है, जो इस तरह की चीजों में शामिल है। लेकिन क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी कभी भाजपा नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच करने की हिम्मत करेंगे ?''

तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि उसके महासचिव अभिषेक बनर्जी के हेलीकॉप्टर पर कोलकाता के बेहाला फ्लाइंग क्लब में आयकर अधिकारियों ने छापा मारा। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह उन विपक्षी उम्मीदवारों को परेशान करने और डराने-धमकाने के लिए भाजपा की सुनियोजित चाल है, जिनसे वह राजनीतिक रूप से मुकाबला नहीं कर सकती। ‘छापा' मारे जाने के संबंध में तृणमूल के दावे को लेकर उपजे विवाद पर आयकर विभाग के सूत्रों ने दावा किया कि तलाशी या सर्वेक्षण जैसी कोई कार्रवाई नहीं की गई और तृणमूल कांग्रेस के नेता हेलीकॉप्टर में मौजूद भी नहीं थे।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कूच बिहार और अलीपुरद्वार, दोनों जगह भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने और चुनाव में सभी विपक्षी दलों को समान अवसर प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा चुनाव के पहले चरण से कुछ दिन पहले हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) का इस्तेमाल कर सकती है ताकि उन्हें खुली छूट मिल सके।'' उन्होंने अलीपुरद्वार में आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष से उसके विरोध करने के न्यूनतम मूलभूत अधिकार को छीन लिया है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है।

ममता ने कहा, ‘‘हमने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे अच्छे व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में देखा था और अब हम मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देख सकते हैं.... सबसे खराब। हमें अपने मतपत्रों के माध्यम से इस शासन को हटाना होगा।'' चाय बागान श्रमिकों की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी चाय बागान लगाने के अपने पहले के वादे को पूरा करने में ‘विफल' रहे हैं। ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने त्योहारी मौसम में दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए राज्य सरकार के संसाधनों का इस्तेमाल किया।

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