Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Apr, 2024 04:12 PM
ओडिशा ट्रेडिशनल फिश वर्कर यूनियन' (ओटीएफडब्ल्यूयू) के बैनर तले राज्य के मछुआरों ने सोमवार से 2 महीने तक मत्स्यन पर लगी रोक के लिए 15 हजार रुपये प्रति माह की दर से मुआवजा देने की मांग की है।
नेशनल डेस्क : ओडिशा ट्रेडिशनल फिश वर्कर यूनियन' (ओटीएफडब्ल्यूयू) के बैनर तले राज्य के मछुआरों ने सोमवार से 2 महीने तक मत्स्यन पर लगी रोक के लिए 15 हजार रुपये प्रति माह की दर से मुआवजा देने की मांग की है। ओडिशा सरकार ने मत्स्यन संसाधान के प्रभावी संरक्षण और प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्य के पूरे तटीय इलाके में 15 अप्रैल से 14 जून तक मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों ने बताया कि इस 61 दिन की अवधि में मोटर चालित नौका, बड़ी नौकाओं और ट्रॉलर से समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक रहेगी। हालांकि, इस अवधि में पारंपरिक रूप से मछली पकड़ने वाली नौकाओं (8.5 मीटर तक लंबी नौकाओं से) से मत्स्यन की अनुमति होगी। समुद्री मत्स्यन अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गंजाम जिले में मछुआरों के गांवों में ‘समुद्र मित्र' को शामिल करके जागरूकता फैलाई जा रही है।
ओटीएफडब्ल्यूयू के महासचिव के अल्लेया ने कहा कि राज्य में अपनी आजीविका के लिए मत्स्यन पर निर्भर लगभग 1.50 लाख पारंपरिक मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक लगाने से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से मांग करते हैं कि प्रतिबंध की अवधि के दौरान प्रत्येक मछुआरा परिवार को 15 हजार रुपये प्रति माह की दर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।'' संगठन ने महिला मछुआरों को लाभार्थियों की सूची में शामिल करने की मांग की क्योंकि वे भी नौकायन और मछलियों के परिवहन सहित अन्य मत्स्यन गतिविधियों में संलिप्त हैं। यूनियन के नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने ‘वाईएसआर मत्स्य भरोसा' योजना के तहत मत्स्यन पर रोक की अवधि के दौरान हर पात्र मछुआरा परिवार को 10 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।