FIU की रिपोर्ट में खुलासा, नोटबंदी के बाद पकड़ी गई सबसे ज्यादा नकली करेंसी

Edited By Yaspal,Updated: 21 Apr, 2018 12:07 AM

fiu report reveals the most fake currency caught after notebandi

देश के बैंकों ने नोटबंदी के बाद अब तक की सबसे ज्यादा नकली करेंसी पकड़ी है। यही नहीं नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन में भी 480 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। संदिग्ध डिपोजिट पर तैयार की गई एक सरकारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

नेशनल डेस्कः देश के बैंकों ने नोटबंदी के बाद अब तक की सबसे ज्यादा नकली करेंसी पकड़ी है। यही नहीं नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन में भी 480 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। संदिग्ध डिपोजिट पर तैयार की गई एक सरकारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

FIU की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंजेलीजेंस यूनिट (FIU) ने खुलासा किया हा कि प्राइवेट, सरकारी और को-ऑपरेटिव क्षेत्रों समेत सभी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने संयुक्त रूप से 2016-17 के दौरान 400 फीसदी ज्यादा संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट दर्ज की है। इन संदिग्ध लेनदेन की संख्या 4.73 लाख से ज्यादा है।

रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग और कई वित्तीय चैनलों में जाली करेंसी के लेनदन में पिछले साल की अपेक्षा 2016-17 के दौरान करीब 3.22 लाख मामले अधिक सामने आए हैं। वित्तीय वर्ष 2015-16 में जाली करेंसी के कुल 4.10 लाख मामले सामने आए थे और यह आंकड़ा बढ़कर वित्तीय वर्ष 2016-17 में 7.33 लाख हो गया है। नकली करेंसी पर यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बता दें कि नकली करेंसी के लिए रिपोर्ट पर आंकड़ों को संकलित करने का काम सबसे पहले वित्तीय वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ था।

FIU की रिपोर्ट के मुताबिक, संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से आतंकवाद को सहायता पहुंचाई गई। वित्तीय वर्ष 2016-17 में संदिग्ध लेनदेन के करीब पांच लाख मामले दर्ज किए गए। वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में यह चार गुना ज्यादा हैं। 

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