Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 09:29 AM
ऐसे समय जब मासिक धर्म की छुट्टी की जरूरत को लेकर देशभर में बहस चल रही है, रिकार्ड दिखाते हैं कि केरल में छात्राओं के एक स्कूल ने अपनी बालिकाओं को 105 साल पहले यह सुविधा दी थी।
तिरुवनंतपुरम: ऐसे समय जब मासिक धर्म की छुट्टी की जरूरत को लेकर देशभर में बहस चल रही है, रिकार्ड दिखाते हैं कि केरल में छात्राओं के एक स्कूल ने अपनी बालिकाओं को 105 साल पहले यह सुविधा दी थी। पूर्ववर्ती कोचीन रजवाड़ा (वर्तमान एर्नाकुलम जिला) में स्थित त्रिपुनिथुरा के सरकारी बालिका विद्यालय ने 1912 में छात्राओं को वार्षिक परीक्षा के समय ‘मासिक धर्म की छुट्टी’ और परीक्षा बाद में लिखने की अनुमति दी थी।
इतिहासकार पी. भास्करानुन्नी द्वारा लिखित ‘केरला इन द नाइंटींथ सैंचुरी’ नामक पुस्तक के अनुसार स्कूल प्रधानाध्यापक ने उच्चाधिकारियों से बात की और उनसे छुट्टी मंजूर करने का अनुरोध किया था क्योंकि शिक्षिकाएं व छात्राएं इस समय में सामान्यत: अनुपस्थित रहती थीं।