शिबू सोरेन ने जल, जंगल, जमीन के अधिकार के लिए आजीवन संघर्ष किया: खरगे

Edited By Updated: 04 Aug, 2025 12:10 PM

fought for the rights of water forest and land throughout his life

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झामुमो नेता ने अलग झारखंड प्रदेश और वहां के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार तथा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झामुमो नेता ने अलग झारखंड प्रदेश और वहां के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार तथा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए आजीवन संघर्ष किया। खरगे ने सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात करके उन्हें ढांढस बंधाया। शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे।

खरगे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन जी के निधन से मैं दुःखी हूं। उन्होंने अलग झारखंड प्रदेश और वहां के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए आजीवन संघर्ष किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनके सुपुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात कर उनके परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। दुःख की इस घड़ी में ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करे।''

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर ‘पोस्ट' कर कहा कि 'गुरुजी' शिबू सोरेन सिर्फ सांसद और तीन बार मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि ठीक 25 साल पहले झारखंड के निर्माण के लिए चलाए गए आंदोलन में वह निर्णायक भूमिका में थे। उन्होंने कहा, ‘‘वह सचमुच एक महान व्यक्ति थे जिनका सामाजिक और आर्थिक न्याय के प्रति जुनून प्रेरणादायक था। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम, 2006 और भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के निर्माण में भारी योगदान दिया।'' 

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