Edited By Shubham Anand,Updated: 17 Dec, 2025 08:01 PM

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल क्षेत्र में जंगली हाथी के हमले में 60 वर्षीय महिला फूलसुंदरी मंझवार की मौत हो गई। घटना मंगलवार रात नामपानी गांव में हुई, जब वह घर के बाहर सो रही थीं। वन विभाग ने तत्काल 25 हजार रुपये की सहायता दी है। हमलावर...
नेशनल डेस्क : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली हाथी के हमले से एक बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना मंगलवार देर रात कटघोरा वन मंडल के चैतमा क्षेत्र अंतर्गत नामपानी गांव में हुई। वन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। मृतका की पहचान 60 वर्षीय फूलसुंदरी मंझवार के रूप में हुई है, जो नामपानी गांव की निवासी थीं।
रात 3 बजे अचानक किया हमला
जानकारी के मुताबिक, फूलसुंदरी अपने पति के साथ घर के बाहर बरामदे में सो रही थीं। रात करीब तीन बजे अचानक एक जंगली हाथी गांव में घुस आया। हाथी की चिंघाड़ सुनकर फूलसुंदरी की नींद खुल गई और वह डर के मारे भागने लगीं। इसी दौरान हाथी ने उन पर हमला कर दिया और कुचलकर उनकी मौके पर ही जान ले ली। वहीं, उनके पति ने खाट के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई।
घटना की सूचना मिलते ही बुधवार सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने ग्रामीणों की मदद से हाथी को जंगल की ओर खदेड़ दिया। कटघोरा वन मंडल के अधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि पीड़ित परिवार को तत्काल राहत के तौर पर 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, वन्यजीव हमले में मौत की स्थिति में सरकार की ओर से कुल 6 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष 5 लाख 75 हजार रुपये मृतका के परिजनों को प्रदान किए जाएंगे।
पिछले कुछ दिनों से घूम रहे थे हाथी
वन विभाग ने बताया कि यह जंगली हाथी बिलासपुर वन मंडल के सीपत क्षेत्र से भटककर कटघोरा वन मंडल में पहुंचा है और पिछले चार दिनों से चैतमा क्षेत्र के जंगलों में घूम रहा था। हाथी का व्यवहार काफी आक्रामक बताया जा रहा है, जिसके चलते विभाग लगातार उसकी निगरानी कर रहा है। आसपास के गांवों में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी भी जारी की गई है। वन विभाग के अनुसार, वर्तमान में इस क्षेत्र में करीब 55 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, एक अप्रैल 2021 से 17 दिसंबर 2025 तक कटघोरा वन मंडल में वन्यजीवों के हमलों में अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।