Edited By Monika Jamwal,Updated: 21 May, 2020 09:58 AM
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के नाम पर बस आप्रेटर्स द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और जाली परमिशन के आधार पर इन लाचार मजदूरों से भारी-भरकम रकम ऐंठी जा रही है।
साम्बा (संजीव): लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के नाम पर बस आप्रेटर्स द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और जाली परमिशन के आधार पर इन लाचार मजदूरों से भारी-भरकम रकम ऐंठी जा रही है। ऐसी ही दो बसों को आज जिला प्रशासन ने रोक लिया व बस मालिक-चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जबकि मजदूरों व उनके परिवारों को पास के क्वारंटीन सेंटर में ले जाया गया है। इन दोनों बसों में ं यूपी-बिहार के मजदूरों, महिलाओं-बच्चों सहित 128 लोग सवार थे, जिनसे करीब ढाई लाख रूपए की रकम किराए के रूपए में ली गई थी।

जिला डिप्टी कमिश्नर रोहित खजूरिया ने बताया कि शिकायतें मिल रही थी कि कुछ बस आप्रेटर्स मजदूरों को गुमराह कर रहे हैं और घर पहुंचाने के नाम पर उनके मोटी रकम ले रहे हैं। डिप्टी कमिश्रर ने आज राया मोड़ (विजयपुर) में जमींदारा ट्रेवल्स की इन दो बसों को देखा तो रूकवा कर पूछताश की तो पता चला कि यह लॉकडाउन में ट्रांस्पोर्ट पर रोक के बावजूद बिना किसी परमिशन के गैर कानूनी रूप से मजदूरों को ले जा रहे थे। मौके पर ही एसएसपी शक्ति पाठक व अन्य अधिकारी भी पहुंचे तो जमींदारा ट्रैवल्स कंपनी के मालिक मोहिन्द्रपाल सिंह व चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताश के दौरान पता चला कि बीते कल से जम्मू के रेशमघर से चली इन बसों में कानपुर, इटावा आदि के मजदूर सवार थे जिन्हें लखनपुर में रोक लिया गया था।
बस आप्रेटर द्वारा प्रति सवारी 2600 रूपए लिए गए थे। डिप्टी कमिश्रर ने बताया कि मजदूरों को भेजने का फैसला सरकार करती है व उन्हें सरकारी बसों और टे्रन से भेजा जाता है लेकिन कुछ बस आप्रेटर इन मजदूरों को गुमराह कर उनके पैसे ऐंठ रहे हैं, जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खजूरिया ने बताया कि इन मजदूरों को उनके पैसे वापस दिलाए जा रहे हैं और पंजीकरण कर इन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखवाया गया है ताकि इन्हें सरकारी प्रक्रिया के तहत इनके राज्यों में भेजा जा सके।