Edited By Pardeep,Updated: 10 Jul, 2025 10:24 PM

भारत के लिए गर्व की बात! भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी Axiom Space के एक्सिओम मिशन-4 (Axiom Mission 4 या Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में दो सप्ताह बिताए। अब वे और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री...
नेशनल डेस्कः भारत के लिए गर्व की बात! भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी Axiom Space के एक्सिओम मिशन-4 (Axiom Mission 4 या Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में दो सप्ताह बिताए। अब वे और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर वापस लौट सकते हैं।
NASA और Axiom Space द्वारा जारी अपडेट के अनुसार, शुभांशु शुक्ला फिलहाल ISS में सुरक्षित हैं और उनके मिशन की वापसी की तैयारी शुरू हो चुकी है।
14 दिन में 230 सूर्योदय और धरती की 230 परिक्रमाएं
Axiom Space के अनुसार:
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शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने अंतरिक्ष में 230 बार धरती की परिक्रमा की।
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इस दौरान उन्होंने करीब 96.5 लाख किलोमीटर (करीब 60 लाख मील) की दूरी तय की — जो पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी का लगभग 25 गुना है!
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उन्होंने अंतरिक्ष में 230 सूर्योदय और सूर्यास्त देखे, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक अद्भुत अनुभव होता है।
अंतरिक्ष में कैसे बिताया समय?
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Axiom के अनुसार, मिशन दल ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शैक्षणिक और व्यावसायिक अनुसंधानों पर काम किया।
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अपने फुर्सत के पलों में उन्होंने धरती की तस्वीरें और वीडियो लिए, अंतरिक्ष से धरती का नज़ारा देखा और प्रियजनों से वीडियो कॉल्स के ज़रिए जुड़ाव बनाए रखा।
शुभांशु शुक्ला: भारत के लिए ऐतिहासिक पल
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शुभांशु शुक्ला, भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाले उन गिने-चुने नामों में से हैं, जिन्होंने निजी अंतरिक्ष मिशन के तहत ISS तक की उड़ान भरी।
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वे उन कुछ भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने NASA और Axiom Space जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम करते हुए मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन में भाग लिया।
मिशन का उद्देश्य क्या था?
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Axiom Mission-4 का मकसद लोगों को भविष्य में कमर्शियल स्पेस ट्रैवल की संभावनाओं के लिए तैयार करना, और अंतरिक्ष में नए प्रयोगों को अंजाम देना था।
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इसमें मेडिकल साइंस, माइक्रोग्रैविटी में जैविक बदलाव और स्पेस एजुकेशन जैसे प्रोजेक्ट्स पर भी काम हुआ।