Edited By Rohini Oberoi,Updated: 15 Jul, 2025 10:43 AM

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के 92% युवा अगर उन्हें फ्री वीज़ा, बेहतरीन ट्रेनिंग और भरोसेमंद गाइडेंस मिले तो वे विदेश में नौकरी करना पसंद करेंगे। यह आँकड़ा भारतीय युवाओं में ग्लोबल करियर की बढ़ती आकांक्षा को दर्शाता है। हालांकि उनकी इस राह में...
नेशनल डेस्क। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के 92% युवा अगर उन्हें फ्री वीज़ा, बेहतरीन ट्रेनिंग और भरोसेमंद गाइडेंस मिले तो वे विदेश में नौकरी करना पसंद करेंगे। यह आँकड़ा भारतीय युवाओं में ग्लोबल करियर की बढ़ती आकांक्षा को दर्शाता है। हालांकि उनकी इस राह में गलत एजेंट, अत्यधिक फीस और सही जानकारी की कमी सबसे बड़ी रुकावट बनकर सामने आ रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक विदेश में नौकरी के प्रति सबसे ज़्यादा रुचि हेल्थकेयर सेक्टर के युवाओं में देखी गई है। यह दर्शाता है कि भारतीय स्वास्थ्यकर्मी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं देने के इच्छुक हैं बशर्ते उन्हें सही अवसर और सहयोग मिले।
क्यों है भारतीय युवाओं की विदेश में नौकरी करने की चाहत?
युवाओं की इस बढ़ी हुई रुचि के कई कारण हैं:
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बेहतर वेतन और जीवन स्तर: विदेशों में अक्सर भारत की तुलना में बेहतर सैलरी पैकेज और जीवन की गुणवत्ता मिलती है।
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कौशल विकास के अवसर: अंतरराष्ट्रीय अनुभव से युवाओं के कौशल में निखार आता है और उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है।
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उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण: कई देश नौकरी के साथ-साथ उच्च शिक्षा और विशेष प्रशिक्षण के अवसर भी प्रदान करते हैं।
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फ्री वीज़ा और सुविधाएँ: रिपोर्ट से पता चलता है कि अगर वीज़ा प्रक्रिया आसान और मुफ्त होतो ज़्यादा युवा विदेश जाने को तैयार हैं।

राह में चुनौतियाँ: गलत एजेंट और जानकारी का अभाव
भारतीय युवाओं के लिए विदेश में नौकरी पाना हमेशा आसान नहीं होता। रिपोर्ट में सामने आई कुछ प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
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धोखाधड़ी करने वाले एजेंट: कई बार गलत और फर्जी एजेंट युवाओं को ठगते हैं, जिससे उनका पैसा और समय बर्बाद होता है।
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अत्यधिक फीस: वीज़ा, आवेदन और अन्य प्रक्रियाओं के लिए ली जाने वाली भारी-भरकम फीस कई युवाओं के लिए एक बड़ी बाधा है।
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जानकारी की कमी: सही एजेंटों, विश्वसनीय कंपनियों और विदेश में नौकरी के अवसरों के बारे में सटीक जानकारी का अभाव भी एक बड़ी चुनौती है।

हेल्थकेयर सेक्टर में सबसे ज़्यादा रुचि
रिपोर्ट के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि हेल्थकेयर सेक्टर के युवा जैसे नर्सें, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ, विदेश में काम करने के लिए सबसे ज़्यादा उत्सुक हैं। यह संभवतः विदेशों में इस क्षेत्र में मौजूद बेहतर अवसरों, उच्च आय और सम्मान के कारण है।
यह रिपोर्ट भारत सरकार और संबंधित एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि उन्हें युवाओं की विदेश में नौकरी करने की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुरक्षित और पारदर्शी माध्यम उपलब्ध कराने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि वे धोखाधड़ी का शिकार न हों।