Edited By Radhika,Updated: 17 May, 2024 03:33 PM
गुजरात के मुंद्रा-कच्छ से इसी साल जनवरी में बिहार के हाजीपुर के रहने वाले सहानी दंपती के 11 और 14 साल के दो बेटे घर से खेलने की बात कह कर निकलते हैं। देर शाम होने पर भी वापस नहीं लौटे, तो चिंतित माता-पिता ने उनकी तलाश शुरू की।
नेशनल डेस्क: गुजरात के मुंद्रा-कच्छ से इसी साल जनवरी में बिहार के हाजीपुर के रहने वाले सहानी दंपती के 11 और 14 साल के दो बेटे घर से खेलने की बात कह कर निकलते हैं। देर शाम होने पर भी वापस नहीं लौटे, तो चिंतित माता-पिता ने उनकी तलाश शुरू की। आसपास और हर संभव जगहों पर खोजबीन के बाद निराशा मिली। इसके बाद मुंद्रा पुलिस को सूचना दी। मुंद्रा पुलिस शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बच्चों के अपहरण का केस दर्ज करती है। साथ ही बच्चों की तस्वीरें सभी राज्यों की पुलिस के ध्यानार्थ भेज देती है।
सहानी दंपति को आश्वासन देती है कि धैर्य रखिए, न जल्दी ही अच्छी खबर मिलेगी। दिन-सप्ताह गुजरने पर भी ऐसा कुछ नहीं होता। अंततः सहानी दंपती ने खुद की ही बच्चों को ढूंढ़ने का काम शुरू किया। साढ़े तीन महीने तक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, बिहार और पड़ोसी देश नेपाल तक तलाश की। लेकिन उन्हें कामयाबी तब मिली, जब खुद भिखारी का भेष धारण किया। उनका एक लड़का बिहार के भागलपुर और दूसरा पश्चित बंगाल के हावड़ा से मिला।
राह चलते साधु को प्रणाम, उन्होंने बढ़ाई हिम्मत-
सहानी दंपती ने बताया कि जहां भी उम्मीद होती, वहां पहुंचते थे। एमपी के उज्जैन पहुंचे। बागेश्वर धाम भी गए। आस्थावश प्रणाम कर अपनी समस्या बता कर उपाय पूछा। उन्होंने कहा कि बेटा भागलपुर में है। हमें हिम्मत मिली। भागलपुर पहुंचे। पुलिस से संपर्क साधा। भिक्षावृत्ति गैंग के चंगुल में फंसा बड़ा बेटा पुलिस के हत्थे चढ़ गया था, जिसे पुलिस ने पूर्णिया के चाइल्डकेयर होम्स भेजा था। वहां पहुंचे तो पता चला कि वह भाग चुका है। तब सोचा कि क्यों ना भिखारी का भेष बनाकर ऐसा काम करने वालों की टोली संग टोह ली जाए।