Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Mar, 2024 07:43 PM
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को विपक्षी कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार किया कि उसकी सरकार में प्रति सिलेंडर रसोई गैस की कीमत 399-414 रुपये थी, जबकि भाजपा सरकार में सामान्य ग्राहकों को 803 रुपये और उज्ज्वला लाभार्थियों को 503 रुपये में एलपीजी...
नेशनल डेस्क: तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को विपक्षी कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार किया कि उसकी सरकार में प्रति सिलेंडर रसोई गैस की कीमत 399-414 रुपये थी, जबकि भाजपा सरकार में सामान्य ग्राहकों को 803 रुपये और उज्ज्वला लाभार्थियों को 503 रुपये में एलपीजी गैस का सिलेंडर मिल रहा है। पुरी ने कहा कि संप्रग सरकार के तहत गैस की उपलब्धता बहुत कम थी और सब्सिडी अपात्रों के पास चली गई थी।
सरकार ने शुक्रवार को रसोई गैस एलपीजी की कीमत में प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर 100 रुपये की कटौती की थी। इसके अगले दिन पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने रसोई गैस के प्रसार को दोगुना कर 32.5 करोड़ घरों में एलपीजी सिलेंडर पहुंचा दिया। इसमें उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ गरीब महिलाओं को मिले मुफ्त कनेक्शन शामिल हैं। पुरी ने कहा कि जब 2020 और 2023 के बीच अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें बढ़ीं तो सरकार ने दरें कम कीं।
उन्होंने कहा कि ताजा कटौती के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कीमतें 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर आ गईं हैं। उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा, “एलपीजी सिलेंडर (कांग्रेस शासन के दौरान) एक दुर्लभ वस्तु थी और आपको इसे पाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता था और आपको सिफारिश की जरूरत पड़ती थी। कोई उपलब्धता नहीं थी... अगर सिलेंडर मिल ही नहीं रहे हैं, तो कीमत का क्या अर्थ। ऐसे में सवाल यह है कि 60,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी (कांग्रेस शासन के दौरान एलपीजी पर दी गई सब्सिडी) किसे दी गई?” पुरी ने कहा कि 2014-15 में प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 1.13 करोड़ रसोई गैस उपयोगकर्ताओं ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया था।