Edited By vasudha,Updated: 13 Apr, 2018 01:46 PM
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में सुरक्षित रखा गया अपना फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश टी़ बी़ राधाकृष्णन तथा न्यायाधीश शरद कुमार गुप्ता की खंडपीठ...
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में सुरक्षित रखा गया अपना फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश टी़ बी़ राधाकृष्णन तथा न्यायाधीश शरद कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर तथा सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे की जनहित याचिकाएं खारिज करते हुए संसदीय सचिवों की नियुक्ति बरकरार रखी है। हालांकि युगलपीठ ने अपने अंतरिम आदेश को यथावत रखा है जिसमें कहा गया था कि ये मंत्री के तौर पर काम नहीं कर पाएंगे और इस स्तर की सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
युगलपीठ ने इस मामले में 16 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विधायक मोहम्मद अकबर और आरटीआई एक्टविस्ट राकेश चौबे ने अलग अलग याचिकाएं लगाई थी जिसमें इस नियुक्ति को अवैध बताया गया है। अकबर ने अपनी दूसरी याचिका में मांग की थी कि चूंकि विधायक दोहरे लाभ के पद का फायदा उठा रहे हैं, लिहाजा उनकी विधायकी खत्म की जाए। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भी 11 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है। 90 विधानसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल भाजपा के पास 49 विधायक हैं। इनमें से 11 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है।