Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jun, 2020 01:19 PM
Covid-19 से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों की प्रायोगिक दवाओं (Experimental medicine) तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनियाभर में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में किसी भी अप्रमाणित दवा के करुणामय उपयोग (Compassionate...
नेशनल डेस्क: Covid-19 से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों की प्रायोगिक दवाओं (Experimental medicine) तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनियाभर में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में किसी भी अप्रमाणित दवा के करुणामय उपयोग (Compassionate Use) के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की है। 5 जून को जारी अधिसूचना में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्रग्स तकनीकी सलाहकार बोर्ड के परामर्श से न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल परीक्षण नियम, 2019 में संशोधन किया, जो सरकार को सभी ड्रग-संबंधी मामलों पर सलाह देता है।
इस अधिसूचना के मुताबिक कोई अस्पताल या चिकित्सा संस्थान “जानलेवा बीमारी या गंभीर स्थायी विकलांगता करने वाली बीमारी या ऐसी बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए, जिनकी चिकित्सीय आवश्यकता पूरी नहीं हुई हो, करूणामय उपयोग (Compassionate Use) के उद्देश्य से नई दवाओं का आयात कर सकते हैं जिनके प्रयोग को देश में अनुमति नहीं है लेकिन वे देश या विदेश में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में हैं। वे केंद्रीय औषधि नियामक को आवेदन देकर ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर कोई अस्पताल इन्हीं मकसदों के लिए नई दवा लिखते हैं तो नियमावली के प्रावधानों के अनुसार सीमित मात्रा में उनके उत्पादन को अनुमति दी जा सकती है।
नई दवा बनाने की मंशा रखने वाले उत्पादक को लिखित में मरीज की या उसके कानूनी वारिसों की सहमति लेनी होगी जिसके लिए यह दवा लिखी गई है और ऐसी नई दवा के निर्माण के लिए उसकी विशेष अनुशंसा प्राप्त करने के लिए अस्पताल या चिकित्सा संस्थान की नीति समिति को आवेदन देना होगा। मसौदा नियमावली के मुताबिक नीति समिति की अनुशंसा प्राप्त करने के बाद, उत्पादक को नयी दवा के करुणामय उपयोग की अनमुति हासिल करने के लिए केंद्रीय लाइसेंसी प्राधिकरण को आवेदन देना होगा।