Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Mar, 2021 06:39 PM
''ऑपरेशन कमल'' मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हाईकोर्ट ने झटका देते हुए जांच को मंजूरी दे दी है। बीजेपी नेता मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर आरोप है कि सूबे में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को 2019 में गिराने के लिए उन्होंने ही...
नेशनल डेस्क : 'ऑपरेशन कमल' मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हाईकोर्ट ने झटका देते हुए जांच को मंजूरी दे दी है। बीजेपी नेता मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर आरोप है कि सूबे में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को 2019 में गिराने के लिए उन्होंने ही साजिश रची थी। जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर एक विधायक के बेटे को इसके लिए राजी करने की कोशिश करते हुए बीएस येदियुरप्पा की आवाज सुनाई दे रही कि वह अपने पिता से इस्तीफा दिलवाएं और फिर पार्टी भी बदल लें।
'ऑपरेशन कमला' के जरिये गठबंधन सरकार को गिराया
बता दें कि, कांग्रेस-जद(एस) के 15 विधायक जून 2019 में विधानसभा से इस्तीफा देकर मुंबई चले गए थे। विधायकों के इस्तीफे के बाद तत्कालीन कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था। इसके बाद कांग्रेस-जद(एस) सरकार जुलाई में कर्नाटक में बहुमत साबित नहीं कर पाई और गिर गई। जिसके बाद बी. एस. येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। वहीं कांग्रेस-जेडीएस का आरोप था कि बीजेपी ने 'ऑपरेशन कमला' के जरिये गठबंधन सरकार को गिराने में भूमिका निभाई। हालांकि येदियुरप्पा ने इन आरोपों का खंडन किया और इसका दोष विपक्ष पर मढ़ा।
जुलाई 2019 में गिरी सरकार
2018 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के पास निर्दलीय के समर्थन से 106 सीटें थीं, जबकि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के पास 118 विधायक थे। ऐसे में भाजपा का प्लान था कि विपक्ष के 14 विधायक इस्तीफा दें, ताकि सदन में सदस्यों की संख्या घटकर 210 हो जाए। लेकिन ऐसी स्थिति के लिए 106 सीट चाहिए थी जो कि भाजपा को हासिल सीटों के बराबर थी। लेकिन उस वक्त कामयाबी नहीं मिली थी। लेकिन 2019 में भाजपा 15 विधायकों को अपने खेमे में लाने में कामयाब रही और कांग्रेस-जद(एस) की सरकार जुलाई 2019 में गिर गई।