हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को दिया झटका, फीस वसूली पर रोक लगाने से इनकार

Edited By Yaspal,Updated: 07 Jun, 2021 07:59 PM

high court gives a blow to kejriwal government refuses to stop fee recovery

दिल्ली हाईोकोर्ट ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को पिछले साल के कोविड-19 लॉकडाउन के बाद वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क जमा करने की अनुमति देने वाले अपने पहले के आदेश पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायाधीश...

नई दिल्लीः दिल्ली हाईोकोर्ट ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को पिछले साल के कोविड-19 लॉकडाउन के बाद वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क जमा करने की अनुमति देने वाले अपने पहले के आदेश पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति अमित बंसल की अवकाश कालीन पीठ ने अदालत के एकल-न्यायाधीश पीठ के 31 मई के उस आदेश पर कोई रोक नहीं लगाने की इच्छा जताई और यह भी कहा कि वह नोटिस जारी करते समय केवल संबंद्व पक्षों से जवाब मांगेगी। 

अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली सरकार और छात्रों की ओर से एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल अपीलों पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। अदालत द्वारा जारी नोटिस में आम आदमी पार्टी सरकार, छात्रों और एक गैर सरकार संगठन (एनजीओ) की अपील पर कारर्वाई समिति गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों जो 450 से अधिक स्कूलों का प्रतिनिधित्व करती है उससे जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने ‘निहायत अन्यायपूर्ण और गैर कानूनी' फैसले पर रोक लगाने की अपील की है। 

अदालत ने इस पर जोर देते हुए कहा कि लोकलुभावन सरकार मत बनो। स्कूलों को भी पैसा दो। इससे पूर्व 31 मई को न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने कानूनी प्रावधानों को दरकिनार कर निजी स्कूलों को छात्रों से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दे दी है। निजी स्कूल पिछले शैक्षणिक सत्र में शुल्क ले सकती है। 

दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने अपनी अपील में कहा था कि विकास शुल्क जैसे अतिरिक्त शुल्क पर रोक लगा दिया था क्योंकि स्कूलों में कोरोना के समय बंद रहने की वजह से उन्नयन, सुधार और रखरखाव की आवश्यकता नहीं थी और स्कूल लगभग डेढ़ साल से बंद हैं। जब स्कूल डेढ़ साल से अधिक समय तक बंद पड़े हैं। 

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