Himachal Flood: कुल्लू-मंडी फोरलेन 6 जगह से हुआ तबाह, टोल प्लाजा पर बह रही ब्यास, NHAI को 1000 करोड़ का नुकसान

Edited By Updated: 27 Aug, 2025 09:09 PM

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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण मंडी से कुल्लू तक का फोरलेन मार्ग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस प्राकृतिक आपदा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, जिससे निपटना बेहद कठिन साबित...

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण मंडी से कुल्लू तक का फोरलेन मार्ग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस प्राकृतिक आपदा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, जिससे निपटना बेहद कठिन साबित हो रहा है। हाल ही में हुई भारी बारिश, भूस्खलन और ब्यास नदी में आई बाढ़ के कारण दो साल के अंदर कीरतपुर-मनाली फोरलेन लगभग समाप्त हो चुका है।

पंडोह से मनाली तक का फोरलेन पूरी तरह बह चुका है और यहां नए सिरे से मार्ग का निर्माण किया जाएगा। स्थिति इतनी गंभीर है कि डोहलुनाला रायसन टोल प्लाजा से होकर ब्यास नदी बह रही है। इस आपदा से NHAI को करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जो कि साल 2023 में आई आपदा की तुलना में चार गुना ज्यादा है। भारी बारिश के चलते ब्यास नदी की बाढ़ से कुल्लू से मनाली के बीच छह स्थानों पर फोरलेन एक्सप्रेसवे का नामोनिशान मिट गया है।

ब्यास नदी में बह गईं सड़कें
ब्यास नदी के उफान से रायसन, बिंदु ढांक, 15 मील और मनाली के लग्जरी बस स्टैंड जैसे प्रमुख इलाकों की सड़कें पूरी तरह नदी में बह गई हैं। इन क्षतिग्रस्त इलाकों तक भारी मशीनरी पहुंचाना भी चुनौती बन गया है। इसके साथ ही स्थानीय लोग और पर्यटक सड़कों के बह जाने से भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कई इलाकों में यातायात पूरी तरह ठप हो चुका है और आवश्यक वस्तुएं भी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

सड़क मरम्मत का काम युद्धस्तर पर शुरू
शासन-प्रशासन लगातार लोगों तक मदद पहुंचाने में जुटा हुआ है। वहीं, एनएचएआई ने क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। पंडोह-टकोली खंड में 30 से अधिक मशीनें और कुल्लू-मनाली खंड में 20 पोकलेन मशीनें कार्यरत हैं। मंडी के दवाड़ा और झलोगी में भी ब्यास नदी का जलस्तर कम होते ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है, जहां सड़क का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो चुका है और चट्टानों को तोड़ने का कार्य जारी है।

राहत कब मिलेगी?
एनएचएआई के परियोजना निदेशक वरुण चारी ने बताया कि बहाली का कार्य तेजी से चल रहा है और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। हालांकि, इस आपदा के कारण पंडोह और औट के बीच सैकड़ों वाहन और लोग पिछले दो दिनों से फंसे हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो गुरुवार दोपहर तक मार्ग अस्थायी रूप से बहाल हो जाएगा, जिससे फंसे हुए लोगों को राहत मिलेगी।
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तीन दिनों में 550 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिनों में हुई बारिश से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। अब तक कुल 1400 करोड़ रुपये का नुकसान विभाग को हुआ है, जिसमें अकेले तीन दिनों में 550 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। इस दौरान कई पुल और सड़कें बह गई हैं। सरकार लगातार लोगों की मदद के लिए जमीन स्तर पर प्रयास कर रही है।

अब तक 310 लोगों की मौत
इस मानसून सीजन में आई आपदाओं में अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार शाम तक 793 सड़कें बंद थीं। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

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