Edited By Anil dev,Updated: 28 Dec, 2018 08:42 AM
‘हॉलीडे’ फिल्म की तर्ज पर विस्फोट की प्लानिंग और उसी अंदाज में हीरो बनकर की गई गिरफ्तारी पर कई सवाल उठने लगे हैं। हालांकि एन.आई.ए. ने कहा कि इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामला देशहित से जुड़ा है।
नई दिल्ली(संजीव यादव/शाहरुख खान) : ‘हॉलीडे’ फिल्म की तर्ज पर विस्फोट की प्लानिंग और उसी अंदाज में हीरो बनकर की गई गिरफ्तारी पर कई सवाल उठने लगे हैं। हालांकि एन.आई.ए. ने कहा कि इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामला देशहित से जुड़ा है। जल्द ही सभी सवालों के जवाब दिए जाएंगे। एन.आई.ए. ने सोशल मीडिया पर उठे सवालों पर भी कहा है कि जब मामला देशहित और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा हो तो इस तरह के सवाल नहीं करने चाहिएं। यह एजैंसी किसी वाहवाही के लिए काम नहीं करती, बल्कि समय पर अपने कामों से जवाब देती है।
कानूनी सहायता देगी जमीअत उलेमा-ए-हिंद
एन.आई.ए. की वर्तमान छापामारी में दिल्ली और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार मुस्लिम नौजवानों के परिवार और संबंधित हैरान-परेशान हैं और अपनी गरीबी व बेबसी में होने वाले इस हादसे ने उनके आसपास एक निराशा तथा अंधेरा फैला दिया है। मामले में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के कहने पर दिल्ली के पटियाला हाऊस में जमीअत के अनेक वकील दिनभर मौजूद रहे और आरोपियों की तरफ से पेश हुए। संगठन ने कहा कि नौजवानों को बेवजह गिरफ्तार किया गया है, इसलिए उनका संगठन हर तरह की कानूनी मदद इन्हें देगा। मामले में मौलाना महमूद मदनी महासचिव जमीअत उलेमा-ए-ङ्क्षहद ने कहा कि उनकी जमात बेकसूर नौजवानों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। आतंकवाद के नाम पर बेकसूर लोगों को निशाना बनाया गया है।
बम नहीं पटाखे? लांचर की जगह ट्रैक्टर का नॉजल?
ट्विटर सहित कोर्ट में भी बचाव पक्ष के वकील एम.एस. खान ने कुछ फोटो को दिखाया जिन्हें खुद एन.आई.ए. ने जारी किया था। एक फोटो को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि जिन 150 बमों के मिलने का दावा एजैंसी ने किया है, वे सुतली बम हैं जो आसानी से बाजारों में खुलेआम मिल जाते हैं। जबकि लांचर नहीं, वह टै्रक्टर का नॉजल है जो हर किसान के घर में आम होता है, ऐसे में ये आतंकी कैसे हुए?
पकड़े गए युवकों के माता-पिता ने कहा-दोषी हों तो फांसी दे दो, वरना बच्चों का भविष्य न बिगाड़ें
एन.आई.ए. द्वारा पकड़े गए जाफराबाद निवासी कथित मास्टर माइंड मुफ्ती सुहैल के पिता ने कहा कि यदि उनका बेटा दोषी है तो उसे फांसी दे देना, लेकिन अगर बेगुनाह है तो उसे जल्द रिहा कर दिया जाए। उन्हें अपने देश की न्याय व्यवस्था और जांच एजैंसियों पर पूरा भरोसा है। एन.आई.ए. व बाकी एजैंसियां उनके बच्चों को इंसाफ दिलवाएंगी। उनका कहना है कि राजनीतिक मोहरा बनाकर उनके बच्चों का भविष्य न बिगाड़ा जाए। पिता हफीज अहमद ने कहा कि वह पिछले 40 साल से चौहान बांगर की गली नंबर-9 में रह रहे हैं। परिवार में तीन बेटे जुनैद, उबैद और सुहैल हैं। परिवार का इनवर्टर और बैटरी बनाने का पुराना काम है। उनके बेटे सुहैल जिसे मास्टर माइंड बताया जा रहा है, ने देवबंद और अमरोहा के मदरसे से पढ़ाई की थी। एक साल पूर्व ही उसकी अमरोहा की रहने वाली राफिया से शादी हुई थी। सुहैल दो माह पूर्व पत्नी के साथ अमरोहा चला गया था। वहां वह एक मदरसे में पढ़ा रहा था।