Edited By Parveen Kumar,Updated: 09 Oct, 2025 08:32 PM

मध्य प्रदेश अभी कफ सिरप से हुई मौतों के सदमे से उबर नहीं पाया था कि शहडोल के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में एक और गंभीर मामला सामने आया है। ऑपरेशन से पहले स्किन को साफ करने के लिए लगाए जाने वाले आयोडीन सॉल्यूशन ने मरीजों को परेशान कर दिया है। गर्भवती...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश अभी कफ सिरप से हुई मौतों के सदमे से उबर नहीं पाया था कि शहडोल के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में एक और गंभीर मामला सामने आया है। ऑपरेशन से पहले स्किन को साफ करने के लिए लगाए जाने वाले आयोडीन सॉल्यूशन ने मरीजों को परेशान कर दिया है। गर्भवती महिलाएं और सर्जरी करवाने वाले मरीज जलन, लालपन और छालों से जूझ रहे हैं।
मरीजों को हो रही गंभीर परेशानियाँ
पिछले दो महीने से मरीज शिकायत कर रहे हैं कि सॉल्यूशन लगाने के बाद उनकी स्किन पर गहरे घाव और इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया। गर्भवती महिलाओं की स्थिति सबसे चिंताजनक बताई जा रही है।
मेडिकल कॉलेज की प्रतिक्रिया
डीन डॉ. गिरीश बी. रामटेक ने माना कि कुछ मरीजों को दिक्कत हुई है और उन्हें स्किन एक्सपर्ट्स के पास दिखाया जा रहा है। उनका दावा है कि दो-तीन दिन में हालत सुधार जाती है, लेकिन मरीजों का भरोसा अब टूट चुका है।
मरीजों की दास्तान
छत्तीसगढ़ के जनकपुर से आई प्रसूता खुशबू सेन के पति धीरज सेन ने बताया कि पत्नी को डिलीवरी के दौरान सॉल्यूशन लगाया गया। कुछ ही घंटों में पीठ पर छाले और जलन शुरू हो गई। धीरज ने कहा, "जिस सॉल्यूशन से इलाज होना चाहिए था, उसने हमारी परेशानी बढ़ा दी।"
सप्लाई और जांच पर सवाल
इस सॉल्यूशन को इंदौर की समकेम कंपनी ने सप्लाई किया था। प्रभावित बैच को हटा दिया गया है और नए सॉल्यूशन की व्यवस्था कर दी गई है। लेकिन सवाल यह है कि दो महीने तक इतनी गंभीर समस्या के बावजूद जांच क्यों नहीं की गई?