Edited By Shubham Anand,Updated: 01 Jul, 2025 03:49 PM
आज यानी 1 जुलाई 2025 से रेलवे ने अपने टिकट किराए में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी जेब पर असर महसूस होगा। चाहे आप छोटी दूरी की यात्रा करते हों या लंबी, ये जानना जरूरी है कि किस ट्रेन में किराया कितना बढ़ा है। कई...
National Desk : आज यानी 1 जुलाई 2025 से रेलवे ने अपने टिकट किराए में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी जेब पर असर महसूस होगा। चाहे आप छोटी दूरी की यात्रा करते हों या लंबी, ये जानना जरूरी है कि किस ट्रेन में किराया कितना बढ़ा है। कई बार ट्रेन के नाम या नंबर देखकर यात्रियों को समझने में दिक्कत होती है कि कौन सी ट्रेन मेल ट्रेन है, कौन एक्सप्रेस, सुपरफास्ट या पैसेंजर ट्रेन। इसलिए चलिए, जानते हैं इन ट्रेनों के बीच क्या फर्क होता है और किसमें किराया कैसे तय होता है।
1. मेल ट्रेन क्या होती है?
पहले मेल ट्रेनें डाक भेजने के लिए विशेष रूप से चलाई जाती थीं, लेकिन अब ये आमतौर पर एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ही सेवा देती हैं। कई मेल ट्रेनों के नाम में “मेल” शब्द शामिल होता है, जैसे गोरखपुर मेल, मुंबई मेल या जबलपुर मेल। ये ट्रेनें अधिकतर लंबी दूरी तय करती हैं और इनके ठहराव भी सीमित और चुनिंदा स्टेशन पर होते हैं, जिससे यात्रा तेज़ और सुगम हो जाती है।
2. एक्सप्रेस ट्रेन
ये ट्रेनें सामान्य पैसेंजर ट्रेनों से तेज चलती हैं, लेकिन सुपरफास्ट ट्रेनों की तुलना में थोड़ी धीमी होती हैं। ये हर छोटे स्टेशन पर नहीं रुकतीं और इनके नाम में केवल "Express" शब्द होता है, जैसे हावड़ा एक्सप्रेस, लखनऊ एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र एक्सप्रेस। ध्यान दें कि एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का किराया लगभग समान होता है, और अब इन दोनों में किराये में थोड़ी बढ़ोतरी की गई है।
3. सुपरफास्ट ट्रेन
सुपरफास्ट ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनों से तेज़ होती हैं और ये कम स्टेशनों पर रुकती हैं, जिससे यात्रा का समय कम हो जाता है। आम तौर पर इन ट्रेनों के नंबर 2 से शुरू होते हैं। इनके नाम में अक्सर "Superfast" या "SF" लिखा होता है, जैसे विक्रमशिला सुपरफास्ट, सियालदह सुपरफास्ट, राजेन्द्र नगर सुपरफास्ट। इन ट्रेनों के टिकट पर सुपरफास्ट सरचार्ज भी अलग से लिया जाता है।
4. ऑर्डिनरी या पैसेंजर ट्रेन
यह ट्रेनें हर छोटे-बड़े स्टेशन पर रुकती हैं और इनमें स्लीपर कोच नहीं होते, सिर्फ जनरल डिब्बे होते हैं। इनके नाम में आमतौर पर "Passenger" या "Ordinary" लिखा होता है, जैसे इलाहाबाद पैसेंजर, बनारस पैसेंजर। इन ट्रेनों का किराया सबसे कम होता है और अभी इनमें किराये की बढ़ोतरी का प्रभाव कम देखने को मिला है।
ट्रेन नंबर से पहचान
ट्रेन नंबर के शुरू के डिजिट से भी पता चलता है:
ट्रेन नंबर ट्रेन का प्रकार
0XXX स्पेशल ट्रेन (Holiday/Temporary)
1XXX लंबी दूरी मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट
2XXX सुपरफास्ट ट्रेन
5XXX, 6XXX- पैसेंजर/लोकल ट्रेन
12XXX -प्रीमियम, जनशताब्दी, राजधानी
22XXX - दुरंतो, हमसफर, तेजस जैसी ट्रेनों के लिए
कौन-सी ट्रेनों का बढ़ा है किराया?
रेलवे के नए नियमों के तहत, आज 1 जुलाई से भारतीय रेलवे ने एसी और नॉन-एसी मेल तथा एक्सप्रेस समेत लंबी दूरी की ट्रेनों के किराए में वृद्धि कर दी है। इसके अनुसार, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में अब प्रति किलोमीटर 1 पैसे की बढ़ोतरी की गई है, जबकि एसी ट्रेनों में यह बढ़ोतरी प्रति किलोमीटर 2 पैसे होगी।