हर घंटे 15 से 20 बार उल्टी....कौन सी है यह बीमारी जिसे डॉक्टर भी नहीं समझ पाए और कर दिया गलत ईलाज, जानिए

Edited By Updated: 28 Jun, 2025 04:08 PM

american girl suffering serious illness cvs

बीमारियों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो बाहरी तौर पर सामान्य लगती हैं, फिर भी इनके प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं। ऐसा ही एक रोग है सीवीएस यानी साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम। यह बीमारी खासकर महिलाओं और माइग्रेन...

National Desk : किसी भी बीमारी को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो शुरुआत में सामान्य लगती हैं, पर उनका असर बहुत गंभीर हो सकता है। साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम (CVS) भी ऐसी ही एक बीमारी है। यह समस्या खासकर महिलाओं और माइग्रेन से पीड़ित लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। दुनिया भर में करीब सिर्फ 2% लोग ही इससे प्रभावित होते हैं। अमेरिका में रहने वाली शारिसे जीरूनियन नामक एक महिला भी इस बीमारी से जूझ रही हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में एक घंटे में 15 से ज्यादा बार उल्टियां होती हैं। डॉक्टरों ने शुरुआत में इसे मानसिक तनाव या माइग्रेन की वजह से होने वाली उल्टियों के तौर पर समझा। कई डॉक्टरों ने तो उन्हें डिप्रेशन और एंजाइटी का मरीज ही मान लिया।

हर घंटे 15 से 20 बार उल्टी होती है  
29 वर्षीय शारिसे जीरूनियन ने बताया कि उन्होंने इस दुर्लभ बीमारी के साथ सालों तक संघर्ष किया। इस बीमारी में व्यक्ति को हर घंटे तक 15 बार उल्टी आ सकती है। शारिसे को तनाव, चिंता और पीरियड के पहले के लक्षणों के कारण बार-बार उल्टी और दौरे पड़ने लगे। शुरू में डॉक्टरों ने इसे माइग्रेन समझ कर गलत इलाज किया, जिससे उनकी हालत और खराब होती गई और उन्हें कई बार अस्पताल जाना पड़ा।

बीमारी के कारण नौकरी भी हाथ से गई 
शारिसे ने बताया कि बार-बार उल्टी होने की वजह से उन्हें अपना काम भी छोड़ना पड़ा। इसके अलावा, वे भावनात्मक रूप से कमजोर हो गईं और उनका वजन भी घट गया। इतने संकटों के बीच उन्होंने कई बार आत्महत्या के बारे में भी सोचा। लेकिन दो साल बाद, 2023 में उन्हें पता चला कि उनकी बीमारी असल में साइक्लिक वोमिटिंग सिंड्रोम (सीवीएस) है। यह एक दुर्लभ रोग है जो दुनिया में बहुत कम लोगों को होता है, खासकर महिलाओं और माइग्रेन मरीजों में।

हालांकि, शारिसे ने बताया कि अब भी उन्हें सप्ताह में दौरे आते हैं, लेकिन मतली रोकने वाली दवाओं और एंटीसाइकोटिक दवाओं के सेवन से उनकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। गंभीर स्थिति में वे केवल विटामिन युक्त पानी पीती हैं। उल्टी और दौरे से बचने के लिए वे सार्वजनिक जगहों पर जाने से भी बचती हैं।

फिल्म को कर रही हैं निर्देशित
इतनी गंभीर बीमारी होने के बावजूद, शारिसे ने हार नहीं मानी। उन्होंने ‘नथिंग सॉलिड’ नामक एक कॉमेडी फिल्म लिखी और उसका निर्देशन भी किया है। इस फिल्म को वे ‘वॉम-कॉम’ कहती हैं। यह फिल्म इसी तरह की दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे लोगों को प्रेरित करने के मकसद से बनाई गई है। शारिसे की यह फिल्म अगस्त महीने में रिलीज होगी।

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