एससी/एसटी एक्ट में सामान्य वर्ग को कानूनी अधिकार से नहीं किया जा सकता वंचितः सुप्रीम कोर्ट

Edited By Yaspal,Updated: 06 Nov, 2020 10:28 PM

in sc st act the general class cannot be denied legal rights supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून (एससी/एसटी एक्ट) के तहत कोई अपराध केवल इसलिए नहीं स्वीकार कर लिया जाएगा कि शिकायतकर्ता एससी/एसटी का सदस्य है, बशर्ते यह साबित नहीं हो जाता कि आरोपी ने सोच-समझकर...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून (एससी/एसटी एक्ट) के तहत कोई अपराध केवल इसलिए नहीं स्वीकार कर लिया जाएगा कि शिकायतकर्ता एससी/एसटी का सदस्य है, बशर्ते यह साबित नहीं हो जाता कि आरोपी ने सोच-समझकर शिकायतकर्ता का उत्पीड़न उसकी जाति के कारण ही किया है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि सामान्य वर्ग के किसी व्यक्ति को उसके कानूनी अधिकारों से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसके खिलाफ एससी/एसटी के किसी व्यक्ति ने आरोप लगाया है।

खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति गुप्ता द्वारा लिखे गये फैसले में साफ कहा गया है कि जब तक उत्पीड़न का कोई कार्य किसी की जाति के कारण सोच-विचार कर नहीं किया गया हो तब तक आरोपी पर एससी/एसटी एक्ट के तहत कारर्वाई नहीं की जा सकती है। न्यायालय ने यह निर्णय एक महिला को कथित तौर पर जाति सूचक गाली देने वाले आरोपी को आपराधिक आरोप से मुक्त करते हुए दी।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!