Edited By Parveen Kumar,Updated: 21 May, 2025 08:06 PM

भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान उच्चायोग (Embassy) में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी को देश से निष्कासित कर दिया। उसे 'अवांछित व्यक्ति' (Unwanted Person) घोषित किया गया, क्योंकि वह अपनी राजनयिक भूमिका से बाहर जाकर ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान उच्चायोग (Embassy) में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी को देश से निष्कासित कर दिया। उसे 'अवांछित व्यक्ति' (Unwanted Person) घोषित किया गया, क्योंकि वह अपनी राजनयिक भूमिका से बाहर जाकर ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो नियमों के खिलाफ थीं।
सरकार ने उस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही, पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को एक आधिकारिक आपत्ति पत्र (Protest Note) भी सौंपा गया है। इस पत्र में साफ कहा गया कि पाकिस्तान के किसी भी अधिकारी को भारत में अपने विशेषाधिकारों या पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
अवांछित व्यक्ति क्या होता है
जब किसी देश को लगता है कि कोई विदेशी राजनयिक उसके देश के नियमों का पालन नहीं कर रहा या गड़बड़ी कर रहा है, तो उसे "अवांछित व्यक्ति" (Persona Non Grata) घोषित किया जाता है। इसका मतलब होता है कि अब उस अधिकारी का उस देश में रहना स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह कूटनीति में विरोध जताने का सबसे सख्त तरीका माना जाता है। इसमें आमतौर पर कारण सार्वजनिक नहीं किए जाते।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया फैसला
इस कार्रवाई का समय भी खास है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी थी। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया आतंकवाद विरोधी अभियान है। एक वरिष्ठ भारतीय सैन्य अधिकारी ने लगभग 70 देशों के प्रतिनिधियों को इस ऑपरेशन की जानकारी दी थी। इसके तुरंत बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के अधिकारी को निष्कासित करने का फैसला लिया।
क्या कहा विदेश मंत्रालय ने?
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि, 'पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को साफ तौर पर बता दिया गया है कि भारत में तैनात कोई भी पाकिस्तानी अधिकारी अपनी राजनयिक स्थिति का गलत इस्तेमाल न करे'