विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लॉकडाउन पर दुनिया को दी सलाह “इससे कम नहीं होगा खतरा”

Edited By Chandan,Updated: 23 Mar, 2020 06:45 PM

india italy who said lockdown not only way to defeat coronavirus

कोरोना के डर से सरकारें लोगों को रोकने में असमर्थ हो रही हैं इसलिए लॉकडाउन का रास्ता चुना गया है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि कोरोना को हराने के लिए शहरों और देशों को लॉकडाउन करने से ही काम नहीं चलेगा।

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले एक हफ्ते में मरीजों की संख्या 434 पहुंच गई है। जबकि कोरोना की चपेट में आने से अब तक 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। चीन से शुरू हुई इस जानलेवा बीमारी ने भारत समेत कई देशों में अपना आतंक मचा रखा है। भारत के पंजाब, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लॉकडाउन को लेकर दुनिया को चेताया है। डब्लूएचओ ने कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन कर देने से कोरोना को नहीं हराया जा सकता।

डब्लूएचओ ने चेताया
दरअसल, कोरोना के डर से सरकारें लोगों को रोकने में असमर्थ हो रही हैं इसलिए लॉकडाउन का रास्ता चुना गया है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि कोरोना को हराने के लिए शहरों और देशों को लॉकडाउन करने से ही काम नहीं चलेगा। डब्लूएचओ ने कहा कि लॉकडाउन के साथ जन स्वास्थ्य के पर्याप्त कदम उठाने होंगे नहीं तो यह बीमारी फिर पनप सकती है।

इस बारे में डब्लूएचओ के शीषर्ष इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन ने बीबीसी को दिये एक इन्टरव्यू में कहा कि कोरोना से फैली बीमारी से निपटने के लिए देश सिर्फ लाकडाउन के भरोसे नहीं रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें सबसे पहले कोरोना से बुरी तरह बीमार व संक्रमित हुए लोगों का पता करना है। इनके संपर्क में कौन-कौन आया उनका भी पता करना होगा। फिर इन सभी को आइसोलेट कर उनका ठीक से इलाज करना होगा।

लॉकडाउन से खतरा
रायन ने यह भी कहा कि कोरोना का खतरा लाकडाउन से भी है, क्योंकि अगर अभी हम बीमार और संक्रमित लोगों का पता कर उनका इलाज शुरू नहीं करते तो लॉकडाउन हटने के बाद इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की संख्या एकदम से बढ़ सकती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद जो लोग वापस आयेंगे वो दूसरों को बीमार नहीं कर सकते, ऐसी कोई गारंटी नहीं है।   

डब्लूएचओ की आलोचना
सूत्रों की माने तो कोरोना के कारण ताइवान समेत कई दूसरे देश डब्लूएचओ की आलोचना कर रहे हैं। ताइवान का कहना है कि डब्लूएचओ सही समय पर इस संकट की चेतावनी देने में नाकाम रहा। अगर ऐसा किया जाता तो शायद इससे लोगों की मौतें टाली जा सकती थीं। बता दें, एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में डब्लूएचओ और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक (IHR) को 31 दिसंबर को ही सावधान कर दिया गया था।

बता दें, खुद को चीन का जबरन हिस्सा बताने पर ताइवान को डब्लूएचओ ने संगठन से बाहर कर दिया था और अब ताइवान के अधिकारियों का आरोप है कि सूचना मिलने के बाद भी डब्लूएचओ ने अन्य देशों को कोरोना वायरस के खतरे से सावधान नहीं किया।

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