भारत-अमेरिका के संबंध उतने महत्वाकांक्षी हो सकते जितना हम चाहते : उपराजदूत रंगनाथन

Edited By Tanuja,Updated: 05 Mar, 2024 12:24 PM

india us relationship can be  as ambitious as we want it to be

अमेरिका में भारत की उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में अच्छी-खासी प्रगति करने वाले दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों...

वाशिंगटन: अमेरिका में भारत की उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में अच्छी-खासी प्रगति करने वाले दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना ‘‘हम बनना चाहते हैं।'' शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘जब मैं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की ओर देखती हूं तो मुझे लगता है कि हम अब उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम कह सकते हैं कि साझेदारी खुद बन गई है। हमने गत 70 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है। लेकिन पिछले 20 वर्षों में हमने जो हासिल किया है वह अपने आप में अलग स्तर का है। और मैं कहूंगी कि अब हम उस स्तर पर हैं जहां हम उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं जितना कि हम बनना चाहते हैं।''

 

वह मोटवानी जडेजा फाउंडेशन के साथ मिलकर स्टैनफोर्ड इंडिया पॉलिसी एंड इकोनॉमिक्स क्लब (SIPEC) द्वारा आयोजित ‘लीडर्स ऑफ टूमारो कॉन्फ्रेंस' को संबोधित कर रही थीं। रंगनाथन ने कहा, ‘‘हम अपने लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय ले सकते हैं, उन लक्ष्यों पर अपनी नजरें जमा सकते हैं जिनकी कुछ साल पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, और हम ऐसा कर सकते हैं। हम न केवल महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, बल्कि हम आश्वस्त भी हो सकते हैं कि हम इन चीजों को साकार कर सकते हैं, हम उन विचारों को कार्यान्वयन में ला सकते हैं जो 20 साल पहले भी विचित्र लगते थे।''

 

अंतरिक्ष और उभरती एवं अहम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत-अमेरिका संबंध का उदाहरण देते हुए रंगनाथन ने कहा कि दोनों देशों के वैज्ञानिक और नीतियां सक्रिय रूप से कार्यरत हैं क्योंकि ‘‘हम इन्हें भविष्य में अग्रिम मोर्चे पर देखते हैं और इससे हमें आने वाले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में नेतृत्व की भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी।'' शीर्ष भारतीय राजनयिक ने छात्रों खासतौर से स्टैनफोर्ड में भारत के और भारतीय मूल के छात्रों से भारत से जुड़े रहने का अनुरोध किया। सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूत श्रीकर रेड्डी ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने के बाद उनमें से ज्यादातर न केवल यहां समृद्धि लाएंगे बल्कि भारत वापस जाकर समग्र भारतीय विकास का हिस्सा भी बनेंगे।  

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