अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ने से भारतीय छात्रों को नहीं मिल पा रही इंटर्नशिप, स्टूडेंट्स का संघर्ष जारी

Edited By Radhika,Updated: 06 May, 2024 02:23 PM

indian students are not able to get internship in america

इस साल अमरीका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को इंटर्नशिप भी नहीं मिल पा रही है। अमरीका में बेरोजगारी बढ़ने, ग्लोबल आर्थिक मंदी के कारण एंट्री लेवल जॉब्स की कमी और अमरीका में इस साल चुनाव होने से नौकरियों में अमरीकी छात्रों को प्राथमिकता मिलने के कारण...

नेशनल डेस्क: इस साल अमरीका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को इंटर्नशिप भी नहीं मिल पा रही है। अमरीका में बेरोजगारी बढ़ने, ग्लोबल आर्थिक मंदी के कारण एंट्री लेवल जॉब्स की कमी और अमरीका में इस साल चुनाव होने से नौकरियों में अमरीकी छात्रों को प्राथमिकता मिलने के कारण आइवी लीग जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ने वाले मेधावी भारतीय छात्र भी इंटर्नशिप पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि महंगाई बढ़ने के कारण अमरीका में रहने का खर्च काफी बढ़ गया है, नौकरियों में लोकल लोगों को प्रार्थमकता और स्पॉन्सरशिप की कमी ने भारतीय छात्रों की परेशानी और बढ़ दी है।

एजुकेशन कंसल्टेंट कॉलेजीफाई के आदर्श खंडेलवाल ने कहा, हार्वर्ड और येल यूनिवर्सिटी जैसे 8 आइवी लीग कॉलेजों के साथ अमरीका के टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को मिलने वाली जॉब अपॉच्युनिटी में गिरावट आई है। इंटर्नशिप और जॉब का संकट इसी से समझा जा सकता है कि स्टेम (साइंस, टेक, इंजीनियरिंग, मैथ्स) में ग्रेजुएशन करने वाले भारतीय छात्रों को भी इंटर्नशिप नहीं मिल पा रहा है। केवल एआइ की जानकारी रखने वालों को जॉब ऑफर हो रहे हैं।

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54% भारतीय ही विदेश में चाहते हैं नौकरी

इस बीच अमरीका-ब्रिटेन सहित विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले भारतीयों की संख्या में वर्ष 2023 में बड़ी गिरावट आई है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने अपने अध्ययन में दावा किया कि विदेश में काम करने के इच्छुक भारतीयों की संख्या वर्ष 2020 के 78% से घटकर वर्ष 2023 में 54% ही रह गई। वहीं, दूसरी तरफ विभिन्न देशों के लोगों ने भारत में काम करने में गहरी रुचि व्यक्त की है। इनमें यूएई के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके बाद नाइजीरिया और केन्या

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत में काम के अवसरों की बढ़ती अपील की ओर इशारा कर रही है। भारत में काम करने के इच्छुक लोगों के लिए बेंगलुरु और दिल्ली पसंदीदा स्थान बने हुए हैं। वहीं अहमदाबाद भी काम करने के लायक दुनिया के टॉप 100 शहरों में शामिल है। देश से लगाव के कारण 59% भारतीय विदेश में काम करने की इच्छा तो रखते हैं, पर वे किसी फॉरेन कंट्री में वहां बसना नहीं चाहते। ऐसा सोचने वाले लोगों का वैश्विक औसत केवल 33% है।

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कहां काम करना चाहते हैं

भारतीयः पहले भारतीयों की काम करने के लिए शीर्ष प्राथमिकता वाली जगह यूएई थी, लेकिन 2024 में यूएई रैंकिंग में छठे स्थान पर खिसक गया है। अब ऑस्ट्रेलिया, अमरीका, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश अवसरों की तलाश करने वाले भारतीयों के लिए पसंदीदा स्थलों के रूप में उभरे हैं। शहरों की सूची में लंदन भारतीयों की शीर्ष प्राथमिकता है, न्यूयॉर्क भी टॉप 5 शहरों में शामिल है। वहीं हायर एजुकेशन लेने के मामले में अमरीका अभी भी टॉप पर हैं। 

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