वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय कपड़ा निर्यात में उछाल, जुलाई में 5.3% की वृद्धि दर्ज

Edited By Updated: 21 Aug, 2025 04:42 PM

indian textile exports jump despite global challenges

वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने जुलाई में शानदार प्रदर्शन किया है। इस महीने निर्यात में बढ़ोतरी हुई है जिससे यह साबित होता है कि यह क्षेत्र देश में रोजगार, निर्यात और आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक बना हुआ है।...

नेशनल डेस्क। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने जुलाई में शानदार प्रदर्शन किया है। इस महीने निर्यात में बढ़ोतरी हुई है जिससे यह साबित होता है कि यह क्षेत्र देश में रोजगार, निर्यात और आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक बना हुआ है। वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2025 में कपड़ा वस्तुओं का निर्यात $3.1 बिलियन तक पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले साल जुलाई 2024 के $2.94 बिलियन से 5.3% ज्यादा है।

4 महीनों में भी मजबूत प्रदर्शन

अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच कुल कपड़ा निर्यात $12.18 बिलियन रहा जो पिछले साल की इसी अवधि के $11.73 बिलियन से 3.87% अधिक है।

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अलग-अलग श्रेणियों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है:

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➤ रेडीमेड कपड़ों का निर्यात जुलाई में 4.75% बढ़कर $1.34 बिलियन हो गया।

➤ सूती वस्त्रों का निर्यात 5.2% बढ़कर $1.02 बिलियन हो गया।

➤ कालीन का निर्यात 8% से ज्यादा बढ़कर $133 मिलियन तक पहुंच गया।

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हस्तशिल्प के निर्यात में 10% से ज्यादा की शानदार वृद्धि देखी गई और यह $153.4 मिलियन तक पहुंच गया।

सरकार की नीतियों का असर

कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह प्रदर्शन वैश्विक व्यापार की मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद इस क्षेत्र की मजबूती को दिखाता है। रेडीमेड गारमेंट्स, जूट, कालीन और हस्तशिल्प की लगातार बढ़ती मांग ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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मंत्रालय ने यह भी बताया कि ROSCCTL, RoDTEP, PLI योजनाएं, PM मित्र पार्क और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी सरकारी योजनाएं इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने और विकास करने में मदद कर रही हैं। इन योजनाओं से भारतीय कपड़ा उद्योग अपनी विविधतापूर्ण उत्पादन क्षमता का प्रदर्शन कर पा रहा है जिसमें कपास, जूट और पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे उत्पाद शामिल हैं।

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