Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2018 08:49 PM
दुनिया की महाशक्तियों और ईरान के बीच 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते को बचाने के लिए ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में शुक्रवार से शुरू हुई बातचीत से कोई ठोस समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। अमरीका के परमाणु समझौते से अलग होने के बाद शुक्रवार को...
वियना : दुनिया की महाशक्तियों और ईरान के बीच 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते को बचाने के लिए ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में शुक्रवार से शुरू हुई बातचीत से कोई ठोस समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। अमरीका के परमाणु समझौते से अलग होने के बाद शुक्रवार को पहली बार ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस के मंत्रियों ने वियना में ईरान के मंत्री से मुलाकात की।
इस बैठक में अमरीकी प्रतिबंधों के ऐवज में ईरान को आर्थिक पैकेज देने पर विचार किया जा रहा है। विभिन्न देशों के राजनयिकों के बीच शुरू हुई इस बातचीत का कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। उल्लेखनीय है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में इस ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमरीका के अलग होने की घोषणा की थी। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।
अमरीका ने विभिन्न देशों को चार नवंबर तक ओपेक (तेल उत्पादक देशों के संगठन) के सदस्य ईरान से तेल आयात समाप्त करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने वालों को अमरीका ने आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख फ्रेडरिका मोघेरिनी ने तीन घंटे तक चली बातचीत के बाद एक वक्तव्य जारी कर कहा कि ईरान के साथ तेल निर्यात, निवेश और बैंकिंग सेक्टर में सहयोग करने पर चर्चा की गई। सुश्री मोघेरिनी ने इस बैठक की अध्यक्षता की। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमरीका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।