Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Dec, 2019 04:40 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को दोपहर 3.25 पर रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट से भारत की राडार इमेजिंग की ताकत में कई गुना बढ़ जाएगी। इससे दुश्मनों पर भी भारत की पैनी नजर रहेगी।
नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को दोपहर 3.25 पर रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट से भारत की राडार इमेजिंग की ताकत में कई गुना बढ़ जाएगी। इससे दुश्मनों पर भी भारत की पैनी नजर रहेगी।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सैटेलाइट को लॉन्च किया गया। 628 किलोग्राम वजनी RiSAT-2BR1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 576 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
9 विदेशी उपग्रहों की भी साथ लॉन्चिंग
इसरो पीएसएलवी-सी48 क्यूएल रॉकेट के जरिए RiSAT-2BR1 की लॉन्चिंग के साथ ही अमेरिका के 6, इजरायल, जापान और इटली के भी एक-एक सैटेलाइट का प्रक्षेपण इसी रॉकेट से करेगा। पीएसएलवी-सी48 क्यूएल रॉकेट के लॉन्च होने के करीब 21 मिनट बाद सभी 10 उपग्रह अपनी-अपनी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित हो जाएंगे।
खासियत
- RiSAT-2BR1 सैटेलाइट दिन और रात दोनों समय काम करेगा।
- ये माइक्रोवेव फ्रिक्वेंसी पर काम करने वाला सैटेलाइट है, इसलिए इसे राडार इमेजिंग सैटेलाइट कहते हैं।
- यह किसी भी मौसम में काम कर सकता है, साथ ही यह बादलों के पार भी तस्वीरें ले पाएगा लेकिन ये तस्वीरें वैसी नहीं होंगी जैसी कैमरे से आती हैं।
- भारतीय सेना के अलावा यह कृषि, जंगल और आपदा प्रबंधन विभागों को भी मदद करेगा।
- इस सैटेलाइट से हो रही सीमाओं की निगरानी 26/11 मुंबई हमले के बाद इस रीसैट सैटेलाइट की तकनीक में बदलाव किया गया था। हमले के बाद से स सैटेलाइट के जरिए सीमाओं की निगरानी की गई थी। यह सैटेलाइट आतंक विरोधी कामों में भी उपयोग में लाई जाती है।