Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Nov, 2020 04:42 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) साल 2020 का अपना पहला सैटेलाइट 7 नवंबर को लॉन्च करने जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते मार्च से ही इसरो के
कई प्रोजेक्ट्स रुके हुए थे जो अब फिर से शुरू हो रहे हैं। इसी कड़ी में इसरो सैटेलाइट ''EOS-01'' (अर्थ...
नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) साल 2020 का अपना पहला सैटेलाइट 7 नवंबर को लॉन्च करने जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते मार्च से ही इसरो के कई प्रोजेक्ट्स रुके हुए थे जो अब फिर से शुरू हो रहे हैं। इसी कड़ी में इसरो सैटेलाइट 'EOS-01' (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को PSLV-C49 रॉकेट से लॉन्च करने जा रहा है। इसरो का यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि PSLV-C49 के साथ लिथुआनिया का एक, लग्जम्बर्ग के 4 और अमेरिका के 4 ऐसे कुल 9 कस्टमर सैटेलाइट भी लॉन्च करेगा। यह सभी सैटेलाइट न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक कमर्शियल एग्रीमेंट के तहत लॉन्च किए जा रहे हैं।
भारत का 'EOS-01' सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट है। इस एडवांस वर्जन में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) है जो किसी भी समय और मौसम में पृथ्वी पर नजर रखने की क्षमता रखता है। बताया जा रहा है कि इस सैटेलाइट से भारतीय सेना को अपनी सीमाओं पर नजर रखने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा सैटेलाइट का इस्तेमाल खेती, फॉरेस्ट्री और डिजास्टर मैनेजमेंट में भी हो सकता है। यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 7 नवंबर को दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च की जाएगी। इस मिशन के बाद ISRO की दिसंबर में GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है, जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिए लॉन्च करने की योजना बन रही है।