Edited By Harman Kaur,Updated: 29 Jul, 2024 05:45 PM

देश में कई बाघ अभयारण्य के ‘‘गंभीर खतरे' में होने का दावा करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर' पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की वजह से ही अस्तित्व में आ सका। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि कई बाघ अभयारण्य आज ‘‘गंभीर खतरे' में...
नेशनल डेस्क: देश में कई बाघ अभयारण्य के ‘‘गंभीर खतरे'' में होने का दावा करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर' पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की वजह से ही अस्तित्व में आ सका। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि कई बाघ अभयारण्य आज ‘‘गंभीर खतरे'' में है, जिनमें से कुछ जलवायु परिवर्तन से जुड़ी अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ‘‘बुनियादी ढांचे के नाम पर गलत सोच वाली परियोजनाओं को आगे बढ़ाने'' के दबाव में हैं।
कांग्रेस महासचिव और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि 29 जुलाई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत 2010 में हुई थी। उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘यह दिन एक अप्रैल, 1973 को कॉर्बेट नेशनल पार्क से लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट टाइगर की बड़ी सफलता के कारण है। प्रारंभ में परियोजना के तहत नौ बाघ अभयारण्यों की पहचान की गई थी, लेकिन आज 55 हैं।''
'देश के 55 बाघ अभ्यारण्यों में से कई आज गंभीर खतरे में हैं...'
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट टाइगर केवल एक महिला की वजह से वास्तविकता बन सका, जो एक भावुक प्रकृतिवादी थीं और जिनका मानना था कि बाघों की रक्षा करके हम अपने समृद्ध वन पारिस्थितिकी तंत्र को भी संरक्षित और समृद्ध करेंगे। भारत और विदेशों में कई समर्पित संरक्षणवादियों ने सहयोग किया था, लेकिन उनके व्यक्तिगत नेतृत्व के बिना प्रोजेक्ट टाइगर हकीकत नहीं बन पाता।'' कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के 55 बाघ अभ्यारण्यों में से कई आज गंभीर खतरे में हैं।