जयशंकर और यूक्रेन के विदेश मंत्री कुलेबा ने की द्विपक्षीय बातचीत, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Mar, 2024 07:12 PM

jaishankar and ukraine s foreign minister kuleba held bilateral talks

भारत और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय बातचीत की और इस दौरान दोनों देशों ने रूस के साथ यूक्रेन के ‘जारी संघर्ष और इसके व्यापक प्रभाव' पर चर्चा की। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा की भारत यात्रा दो साल से अधिक समय...

नेशनल डेस्क : भारत और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय बातचीत की और इस दौरान दोनों देशों ने रूस के साथ यूक्रेन के ‘जारी संघर्ष और इसके व्यापक प्रभाव' पर चर्चा की। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा की भारत यात्रा दो साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के बीच हो रही है। कुलेबा भारत की दो दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कुलेबा से शुक्रवार को यहां हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। बैठक के बाद, जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''आज दोपहर में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ खुली और व्यापक बातचीत की।''

उन्होंने कहा, ‘‘‘हमारी चर्चा जारी संघर्ष और इसके व्यापक प्रभावों पर केंद्रित थी। उस संदर्भ में विभिन्न पहलों पर विचार विमर्श किया। हम दोनों के हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात हुई। द्विपक्षीय सहयोग सहित समग्र संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।'' जयशंकर ने हैदराबाद हाउस में यूक्रेन के अपने समकक्ष के साथ हाथ मिलाते हुए और द्विपक्षीय बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं। कुलेबा ने बृहस्पतिवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया था, ''मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के आमंत्रण पर नयी दिल्ली की अपनी यात्रा शुरू की है। यूक्रेन-भारत सहयोग महत्वपूर्ण है और हम संबंधों को और मजबूत करेंगे। (यूक्रेन के) राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) जेलेंस्की, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बातचीत के आधार पर हम शांति फॉर्मूले पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे।''

बैठक की शुरुआत में जयशंकर ने कुलेबा का भारत में स्वागत किया और कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि ''हमारे कुछ द्विपक्षीय तंत्र भी मिले हैं और जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक निश्चित गति पैदा हुई है।'' जयशंकर ने कहा, ''भारत में, नयी दिल्ली में स्वागत है। हम इस यात्रा का इंतजार कर रहे थे और मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हम दोनों के काफी व्यस्त यात्रा कार्यक्रमों के बावजूद हम यह बैठक कर पाने में सक्षम हुए।'' जयशंकर ने कहा कि हाल के महीनों में ''हमने विभिन्न स्तरों पर बातचीत की है। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि हमारे कुछ द्विपक्षीय तंत्र भी मिले हैं। मुझे लगता है कि इससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक निश्चित गति पैदा हुई है।'' उन्होंने कहा, ''और आज दोपहर की इस बातचीत के बाद हम अंतर सरकारी आयोग की बैठक को लेकर भी आशान्वित है।''

भारत के विदेश मंत्री ने कहा, ''आपकी यात्रा हमें आपके क्षेत्र में हालत को समझने का मौका देती है और उस पर हम आपका रुख जानने को लेकर उत्सुक हैं। मुझे लगता है कि हमारी टीम ने हमारे बीच चर्चाओं के लिए एक अहम एजेंडा तैयार किया है और मैं आपको अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं।'' सोवियत संघ के विघटन के बाद भारत सरकार ने दिसंबर 1991 में यूक्रेन गणराज्य को एक संप्रभु स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध भारत-यूक्रेन संबंधों पर 2013 के एक बयान के अनुसार भारत और यूक्रेन के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कुलेबा की यात्रा पर एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि ‘‘विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी जिसमें वे द्विपक्षीय संबंधों में आने वाले कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।'' उन्होंने कहा था, ''वे पूर्व में आयोजित अंतर-सरकारी आयोग की भी समीक्षा करेंगे।'' जायसवाल ने कहा था कि दोनों नेता साझा चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के विदेश मंत्री के लिए कई अन्य कार्यक्रम भी निर्धारित हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्विट्जरलैंड में शांति सम्मेलन पर भारत के रुख के संबंध में पूछे जाने पर कहा था ''शांति पहल और यूक्रेन-रूस संघर्ष को हम कैसे देखते हैं, इस पर हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। हम बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करना जारी रखे हुए हैं और उन सभी तरीकों को अपनाने को तैयार हैं जो इस उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद कर सकते हों।'' यूक्रेन के राष्ट्रपति की ओर से 2022 में प्रस्तावित शांति फॉर्मूला 10 सिद्धांतों पर आधारित है और इसका उद्देश्य यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति सुनिश्चित करना है। 

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