'जनता कर्फ्यू' 2020: कोरोना के खिलाफ जंग की शुरुआत...जब PM मोदी की एक अपील पर थम गया था देश

Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Mar, 2022 12:22 PM

janata curfew 2020 when country came to a halt on an appeal of pm modi

देश के इतिहास में 22 मार्च की तारीख को भारत के लोग शायद ही कभी भुला पाएं। यह वो दिन है जब देश में जनता कर्फ्यू और उसके बाद तीन महीने के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था।

नेशनल डेस्क: देश के इतिहास में 22 मार्च की तारीख को भारत के लोग शायद ही कभी भुला पाएं। यह वो दिन है जब देश में जनता कर्फ्यू और उसके बाद तीन महीने के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। 22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक दिन के जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। पीएम मोदी की एक अपील पर 22 मार्च 2020 (रविवार) को पूरे देश की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था। क्या शहर और क्या गांव, हर गली सब तरफ खामोशी छा गई थी।

 

कोरोना की कड़ी को तोड़ने के लिए सबकुछ बंद था। ‘जनता कर्फ्यू’ को दो साल हो गए हैं। भले ही कोरोना अभी गया नहीं है लेकिन मोदी सरकार की कोशिशों के चलते इस पर काबू पा लिया गया है। जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन पूरा-पूरा साथ दे रही है। यह मोदी सरकार के भस्कर प्रयास ही हैं कि इतनी बड़ी आबादी वाले भारत में हर नागरिक तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाई गई।

 

‘जनता कर्फ्यू’ पर जब एकजुट हुआ पूरा भारत

24 घंटे तक सुनसान पड़ी रहीं सड़कें
जनता कर्फ्यू वाले दिन सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक सभी लोग परिवारों के साथ अपने घरों में कैद रहे। बाजार से लेकर सार्वजनिक वाहन, दफ्तर और सभी दुकानें सबकुछ बंद था। हालांकि सुरक्षाकर्मी, प्रेस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मियों को इस दिन काम करने की छूट दी गई थी। जनता कर्फ्यू पर पीएम मोदी ने लोगों से कोरोना कमांडोज (प्रेस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मियों) का ताली और थाली बजाकर धन्यवाद करने की अपील की। शाम 5 बजे लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ गए और स्वास्थ्यकर्मियों, मीडियाकर्मियों के साथ ही सफाईकर्मियों के लिए ताली-थाली बजाकर उनके काम की सराहना की गई। 

 

30 जनवरी को देश में पहला कोरोना केस
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला साल 2020 में 30 जनवरी को सामने आया था। तब कोई नहीं जानता था कि देश से कोरोना का अंत कब होगा। लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही इससे छुटकारा मिल जाएगा लेकिन 2022 हो चला है लेकिन देश-दुनिया से कोरोना अभी विदा नहीं हुआ है बल्कि इसकी तीसरी से चौथी लहर आने को है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक मौसमी बीमारी बन जाएगा जो हर साल सताएगा। लोगों को अब इसके साथ जीने की आधत डालनी होगा।

 

जब लॉक हो गया पूरा देश
जनता कर्फ्यू के बाद भी जब कोरोना के मामलों में कोई कमी नहीं आई तो केंद्र सरकार ने सख्ती करते हुए 24 मार्च से देशभर में तीन महीने का पूर्ण लॉकडाउन लगाया था। लॉकडाउन के दौरान लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। देश में बसें और ट्रेनें सब बंद होने के कारण प्रवासी भारतीय मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े थे। इस दौरान न जाने कितने लोगों की नौकरियां चली गईं और रोजगार ठप्प हो गए।

 

कोरोना वैक्सीन ने फिर बढ़ाई लोगों में हिम्मत
कोरोना की दहशत झेल रहे देशवासियों की हिम्मत जवाब देती जा रही थी कि आखिर इस महामारी से कब निजात मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और वैज्ञानिकों, डाॉक्टरों की कड़ी मेहनत से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाई गई। भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड और भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी। इसके बाद 16 जनवरी को भारत में सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त करने वाली एवं जानलेवा इस महामारी से उबरने की राह पर चलने की शुरुआत हुई। आज देश में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है तो वहीं 60 साल से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज दी जा रही है।

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