Edited By Shubham Anand,Updated: 31 Aug, 2025 09:09 PM

झांसी रेलवे मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में शुक्रवार शाम उस समय हड़कंप मच गया जब दो घोड़े दौड़ते हुए परिसर में घुस आए। उन्होंने रेडियोलॉजी, CMS ऑफिस और वार्ड तक दौड़ लगाई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा व्यवस्था नदारद रही और CMS का बयान भी बेतुका रहा।...
नेशनल डेस्क : झांसी रेलवे मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में शुक्रवार शाम को उस समय अफरातफरी मच गई, जब दो घोड़े दौड़ते हुए परिसर में घुस गए और अस्पताल को रेसकोर्स में तब्दील कर दिया। इन घोड़ों ने रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट, CMS ऑफिस और मेडिकल वार्ड के सामने तक दौड़ लगाई, जिससे मरीजों, तीमारदारों और स्टाफ में हड़कंप मच गया। करीब 30 मिनट तक अस्पताल में घोड़ों का उत्पात चलता रहा, जिसके चलते कई वार्डों के दरवाजे अंदर से बंद कर दिए गए। मरीज और उनके परिजन घबराकर इधर-उधर छिपते नजर आए। इस दौरान एक तीमारदार ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
कैसे घुसे घोड़े?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शाम करीब 7 बजे दोनों घोड़े पुराने इमरजेंसी गेट से अस्पताल में दाखिल हुए। नई इमरजेंसी का गेट बंद होने के कारण वे सीधे रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर बढ़े, फिर CMS ऑफिस और सर्जिकल वार्ड तक पहुंच गए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से मरीजों में भगदड़ जैसे हालात बन गए। परिजनों ने बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। किसी ने खिड़की बंद की तो किसी ने दरवाजे की कुंडी चढ़ा दी। आखिरकार दोनों घोड़े पोस्टमार्टम हाउस की ओर बने एक खुले गेट से बाहर निकल गए और वहां मैदान में घास चरते नजर आए।
CMS का बेतुका बयान
पूरी घटना के दौरान कोई सुरक्षा गार्ड नजर नहीं आया, न ही किसी ने घोड़ों को रोकने की कोशिश की। जब तीमारदारों ने इस पर नाराज़गी जाहिर की और CMS से शिकायत की, तो उनका जवाब हैरान करने वाला था। CMS ने कहा कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की फाइल अभी प्रोसेस में है, और कैटल कैचर रेलिंग लगाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
CMS का यह बयान सोशल मीडिया पर व्यंग्य और आलोचना का विषय बन गया है। लोग कह रहे हैं कि झांसी रेलवे अस्पताल अब इलाज का केंद्र नहीं, बल्कि घोड़ों का शो देखने की जगह बन चुका है। रेलकर्मियों तक ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि मरीज अब अपने रिस्क पर इलाज कराने को मजबूर हैं, क्योंकि कब कौन-सा जानवर वार्ड में घुस आए, कोई भरोसा नहीं।
घटना का वीडियो बनाने वाले रोहित नामक तीमारदार ने इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड चेयरमैन, उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, DRM झांसी और CMS को भेजी है। उन्होंने लिखा "यह अस्पताल नहीं, अब पशु चिकित्सालय बन गया है। पहले आवारा कुत्ते घूमते थे, अब घोड़े भी वार्ड में दौड़ रहे हैं। गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अफसर सिर्फ AC चैंबर में बैठकर फाइल प्रोसेस की बात कर रहे हैं।