दुश्मन के ठिकानों पर आसमान से बरसेगी मौत, सेना खरीदने जा रही 850 घातक सुसाइड ड्रोन

Edited By Updated: 20 Dec, 2025 08:23 PM

indian army to buy 850 suicide drones after operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर से मिले अनुभवों के आधार पर भारतीय सेना करीब 850 आत्मघाती ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रही है। यह प्रस्ताव रक्षा खरीद परिषद की मंजूरी के अंतिम चरण में है। इन ड्रोन से तीनों रक्षा बलों और विशेष बलों की ताकत बढ़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन...

नेशनल डेस्क : ऑपरेशन सिंदूर से मिले अहम अनुभवों और रणनीतिक सबकों के आधार पर भारतीय सेना अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सेना अब करीब 850 आत्मघाती ड्रोन (लॉइटरिंग म्यूनिशन) खरीदने की तैयारी में है। इन ड्रोन का इस्तेमाल थल सेना के साथ-साथ तीनों रक्षा बलों और विशेष बलों की ऑपरेशनल ताकत बढ़ाने के लिए किया जाएगा। यह प्रस्ताव इस समय रक्षा खरीद प्रक्रिया के अंतिम चरण में है।

रक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी ANI को जानकारी देते हुए बताया कि इस महीने के आखिरी सप्ताह में होने वाली रक्षा खरीद परिषद (DAC) की उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। मंजूरी मिलने के बाद इन ड्रोन की खरीद तेज प्रक्रिया के तहत की जाएगी, ताकि कम समय में इन्हें सेना के बेड़े में शामिल किया जा सके।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव के तहत भारतीय सेना को देश में ही विकसित और निर्मित लॉन्चर सिस्टम के साथ लगभग 850 घूमकर हमला करने वाले ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। भारतीय सेना पहले से ही विभिन्न स्रोतों से खरीदे गए ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है, जिनका प्रयोग सीमावर्ती इलाकों से लेकर आतंकवाद विरोधी अभियानों तक किया जा रहा है। अब सेना भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी सभी लड़ाकू इकाइयों को ड्रोन से लैस करने की योजना पर काम कर रही है। इस दीर्घकालिक योजना के तहत आने वाले समय में सेना के बेड़े में करीब 30,000 ड्रोन शामिल किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

रक्षा क्षमता और ऑपरेशनल ताकत में इजाफा
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना की हर इन्फैंट्री बटालियन में अब एक विशेष ‘अश्विनी प्लाटून’ तैनात की जाएगी। इस प्लाटून की जिम्मेदारी दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन का संचालन करना होगा। इससे जमीनी स्तर पर सेना की निगरानी, लक्ष्य पहचान और त्वरित कार्रवाई की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन तकनीक का बड़े पैमाने पर प्रभावी इस्तेमाल किया था। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। कार्रवाई के पहले ही दिन भारत ने नौ में से सात प्रमुख आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। यह सैन्य अभियान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

दुश्मन को हुआ भारी नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित नहीं रहा। बाद में इनका प्रयोग पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भी किया गया, जब वह अपने समर्थित आतंकवादी गुटों की मदद के लिए सक्रिय रूप से सामने आई। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना की इस कार्रवाई में दुश्मन को भारी नुकसान हुआ और सीमावर्ती इलाकों में मौजूद उसके सैन्य ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंची।

कुल मिलाकर, आत्मघाती ड्रोन की प्रस्तावित खरीद से भारतीय सेना की मारक क्षमता, निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। यह कदम भविष्य के युद्ध परिदृश्य और आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारत की रणनीतिक बढ़त को और मजबूत करेगा।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!