Edited By Parveen Kumar,Updated: 16 Apr, 2025 09:15 PM
कर्नाटक सरकार द्वारा लाया गया 4% मुस्लिम आरक्षण से जुड़ा बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। राज्यपाल ने इस बिल की समीक्षा करने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया है।
नेशनल डेस्क : कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मुसलमानों को सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण देने वाले बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण देने की अनुमति नहीं देता, इसलिए उन्होंने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर यह बिल राष्ट्रपति को भेजा है।
यह बिल पिछले महीने विधानसभा में पास हुआ था, जिसमें मुसलमानों को 1 करोड़ रुपये तक के सरकारी निर्माण कार्यों के ठेकों में 4% आरक्षण देने का प्रस्ताव है। राज्यपाल गहलोत ने कहा कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 15 (धर्म के आधार पर भेदभाव न करने) और 16 (समान अवसर) का उल्लंघन करता है।
वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बिल का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का मकसद सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि यह आरक्षण सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि ओबीसी के अन्य वर्गों जैसे 1, 2ए और 2बी के लिए भी है, जिनमें मुसलमान भी आते हैं।
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने इसे "तुष्टिकरण" का मुद्दा बनाकर जनता को गुमराह किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले यह ठेके सिर्फ 50 लाख रुपये तक के लिए थे, फिर 1 करोड़ और अब इसे बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है।