PoK को खाली करे पाकिस्तान, द्विपक्षीय तरीके से ही हल होंगे सारे मामले: विदेश मंत्रालय

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 May, 2025 06:18 PM

pakistan was already told to vacate pok mea

MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हमने पाक को पहले ही बता दिया था कि PoK को वो खाली कर दें. यह हमारा मसला है और इसे भारत-पाकिस्तान ही सुलझाएगा।

नेशनल डेस्क: MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हमने पाक को पहले ही बता दिया था कि PoK को वो खाली कर दें. यह हमारा मसला है और इसे भारत-पाकिस्तान ही सुलझाएगा। जम्मू-कश्मीर विवाद को लेकर तीसरे पक्ष को बीच में आने की जरुरत नहीं है।
भारत ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी नीति को एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए PoK को खाली करना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात दोहराई कि भारत की नीति इस मामले में हमेशा से समान रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी विवाद केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाएगा, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। पाकिस्तान ने उसी दिन सुबह 12:37 बजे हॉटलाइन के माध्यम से भारत से संपर्क करने में कठिनाई के कारण इस बातचीत का अनुरोध किया था। भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के बाद यह कॉल 15:35 बजे तय की गई थी। भारत ने यह स्पष्ट किया कि यह पाकिस्तान की मजबूरी थी, क्योंकि उसी दिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरफोर्स ठिकानों पर प्रभावी हमले किए थे। विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह भारतीय सैन्य बल की ताकत थी जिसने पाकिस्तान को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए मजबूर किया।"

विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य देशों के साथ हुई बातचीत में भारत ने साफ संदेश दिया कि 22 अप्रैल के आतंकी हमले के जवाब में उसकी कार्रवाई केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बना रही है। यदि पाकिस्तानी सेना गोलीबारी करेगी, तो भारतीय सेना भी जवाब देगी। लेकिन अगर पाकिस्तान रुकेगा, तो भारत भी रुकेगा। यही संदेश पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू होते समय भी दिया गया था, जिसे उस समय उन्होंने अनदेखा कर दिया।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर कथित बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत का रुख स्पष्ट और अडिग है। जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है, और इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (PoK) को उसे खाली करना ही होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि 7 मई से 10 मई तक हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच जो बातचीत हुई, वह केवल सैन्य स्थिति पर केंद्रित थी, इसमें व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से भारत की कार्रवाई पर की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, "जो देश दशकों से आतंकवाद को उद्योग की तरह पाल रहा है, वह अगर सोचता है कि वह इसके परिणामों से बच जाएगा, तो वह खुद को धोखा दे रहा है। जिन आतंकी ढांचों को भारत ने नष्ट किया, वे न केवल भारतीय नागरिकों बल्कि दुनिया भर के कई निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे। अब एक न्यू नॉर्मल स्थापित हो चुका है, और जितनी जल्दी पाकिस्तान इसे स्वीकार करेगा, उतना ही उसके लिए बेहतर होगा।"

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