Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jan, 2020 11:29 AM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नई दिल्ली सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्र भरने से पहले उन्हें करीब 6 घंटे तक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में प्रतीक्षा करनी पड़ी। उन्हें 45...
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नई दिल्ली सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्र भरने से पहले उन्हें करीब 6 घंटे तक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में प्रतीक्षा करनी पड़ी। उन्हें 45 नंबर का टोकन लिए इंतजार करते देखा गया। बता दें कि केजरीवाल ने नामांकन में जो हलफनामा जमा किया है उसके अनुसार उनके पास 3.4 करोड़ रुपए की संपत्ति है और 2015 से इसमें 1.3 करोड़ का इजाफा हुआ है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता के पास 57 लाख रुपए की नकदी और FD है जो कि साल 2015 में 15 लाख थी।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लाभ (VRS) के तौर पर सुनीता केजरीवाल को 32 लाख रुपए और एफडी मिले बाकि उनका बचत धन है। मुख्यमंत्री के पास नकदी और एफडी 2015 में 2.26 लाख रुपए की थी जो 2020 में बढ़कर 9.65 लाख हो गई। उनकी पत्नी की अचल संपत्ति के मूल्यांकन में कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि केजरीवाल की अचल संपत्ति 92 लाख रुपए से बढ़कर 177 लाख रुपए हो गई। पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि 2015 में केजरीवाल की जितनी अचल संपत्ति थी, उसके भाव में बढ़ोतरी के कारण यह वृद्धि हुई है।
बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी नेताओं ने दावा किया कि अधूरे कागजात के साथ आए 35 उम्मीदवारों ने हंगामा किया और कहा कि जब तक वह लोग नामांकन नहीं भर लेते तब तक मुख्यमंत्री को नामांकन नहीं भरने देंगे। AAP ने इस सबके पीछे भाजपा की साजिश बताई। वहीं उम्मीदवारों का कहना था कि मुख्यमंत्री जब निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो उससे पहले 44 उम्मीदवारों को नामांकन के लिए टोकन दिया जा चुका था। केजरीवाल का टोकन नंबर 45 था लेकिन वह सीधे निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में चले गए थे जिसके बाद हंगामा और नारेबाजी हुई।