24 घंटे में केजरीवाल को लगे दो झटके, वकीलों से हफ्ते में 5 बार मिलने की कर रहे थे मांग, याचिका खारिज

Edited By Mahima,Updated: 10 Apr, 2024 05:45 PM

kejriwal got two shocks in 24 hours demanding lawyers meet 5 times a week

दिल्‍ली के कथ‍ित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। केजरीवाल को 24 घंटे के अंदर अदालत से दूसरा झटका लगा है।

नेशनल डेस्क: दिल्‍ली के कथ‍ित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। केजरीवाल को 24 घंटे के अंदर अदालत से दूसरा झटका लगा है। पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए गिरफ्तारी के खिलाफ लगाई गई उनकी याचिका खारिज कर दी थी और अब आज राउज एवेन्‍यू कोर्ट से उन्‍हें तगड़ा झटका लगा है। दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल ने अपने वकीलों से सप्‍ताह में 5 बार मिलने की इजाजत मांगी थी। ट्रायल कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी। बता दें कि फिलहाल अरविंद केजरीवाल अपने वकीलों से हफ्ते में केवल दो बार ही मुलाकात कर सकते हैं। 

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंबी पूछताछ के बाद दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। नियम के मुताबिक केजरीवाल अभी हफ्ते में सिर्फ 2 दिन ही अपने वकील से मिल सकते हैं। केजरीवाल की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ देशभर में केजरीवाल के खिलाफ 35 से 40 मामले चल रहे हैं, ऐसे में हफ्ते में सिर्फ दो मुलाकात केस को समझने और निर्देश देने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ये सबसे बुनियादी कानूनी अधिकार है, जिसे तहत केजरीवाल अपने वकील से मिलने की मांग कर रहे हैं। एडवोकेट विवेक जैन ने कहा था कि संजय सिंह को 3 बैठकों की अनुमति तब दी गई थी, जबकि उनके खिलाफ सिर्फ 5 या 8 मामले दर्ज थे। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को अपने वकीलों के जरिये सरकार चलाने के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता है। राउज एवेन्‍यू कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केजरीवाल की मांग को ठुकरा दिया।

सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को जिस दिन ईडी ने अपनी हिरासत में लिया था, उसी रात उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के रजिस्‍ट्रार के पास आवेदन दिया गया था। केजरीवाल की ओर से मामले पर जल्‍द सुनवाई का आग्रह किया गया था, हालांकि शीर्ष अदालत ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया था। इसके बाद जब उनकी याचिका को सुनवाई के लिए स्‍पेशल बेंच में लिस्‍टेड किया गया तो सुनवाई से पहले ही केजरीवाल के वकील ने यह कह कर याच‍िका वापस ले ली थी कि पहले वह ट्रायल कोर्ट जाना चाहते हैं।

केजरीवाल की याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका जमानत के लिए नहीं है, बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी गलत है। जमा किए गए सबूतों से पता चलता है कि केजरीवाल ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और रिश्वत लेने और अपराधिक आय जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। केजरीवाल बतौर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक कथित तौर पर 2 तरह से इस पूरे मामले में शामिल थे। वह व्यक्तिगत रूप से शराब नीति बनाने और रिश्वत के पैसे जुटाने में शामिल थे। गवाहों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज किए गए थे। अप्रूवर के बयानों और माफी देने पर सवाल उठाना न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने जैसा होगा। जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है। जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है।

गिरफ्तारी की वैधता पर HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी और रिमांड के कानून पर विचार करते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी की जांच करनी होगी। केजरीवाल की चुनाव की घोषणा के बाद हुई गिरफ्तारी वाले तर्क पर कहा कि इस तर्क को स्वीकार करने का मतलब होगा कि अगर चुनाव के समय गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो इसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी। कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास बहुत सारे सबूत हैं। इसमें हवाला डीलरों के बयान, अप्रूवर्स के बयान, इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सदस्यों के बयान भी मैजूद हैं, जिन्होंने कहा है कि उसे गोवा चुनाव में खर्च के लिए पैसे दिए गए थे। यह गोवा चुनाव के संबंध में मनी ट्रेल को पूरा करता है।

 केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और दिल्ली सीएम के रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है। हाई कोर्ट ने कहा याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है। मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को भी नकार दिया कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। हाई कोर्ट ने कहा ED गिरफ्तारी का समय तय करती है।

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