Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Dec, 2025 11:58 AM

केरल की राजनीतिक तस्वीर इस बार स्थानीय निकाय चुनावों के बाद बदल गई है। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा नेतृत्व वाले NDA की शानदार जीत ने विपक्षी गठबंधन कांग्रेस-UDF को झटका दिया। इस हार के दर्द ने एक उम्मीदवार को बेहद दुखी कर दिया और उन्होंने अपने...
तिरुवनंतपुरम: केरल की राजनीतिक तस्वीर इस बार स्थानीय निकाय चुनावों के बाद बदल गई है। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा नेतृत्व वाले NDA की शानदार जीत ने विपक्षी गठबंधन कांग्रेस-UDF को झटका दिया। इस हार के दर्द ने एक उम्मीदवार को बेहद दुखी कर दिया और उन्होंने अपने जीवन का अंत कर लिया।
अरुविक्करा ग्राम पंचायत के मनंबूर वार्ड से कांग्रेस-UDF उम्मीदवार विजयकुमारन नायर ने शनिवार को चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। उनके परिवार ने उन्हें फांसी पर लटके हुए देखा और तुरंत एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, विजयकुमारन नायर को तीसरे नंबर पर आने का परिणाम भारी पड़ा। उन्हें केवल 149 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार ने वार्ड में जीत हासिल की। इस घटना के बाद पुलिस मामले की गहन जांच में जुट गई है।
चुनावी नतीजों की तस्वीर:
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में कुल 101 वार्डों में NDA ने 50 सीटें जीतीं, जबकि LDF को 29 और UDF को 19 सीटें मिलीं। दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं। यह जीत एनडीए के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि पहली बार उन्हें नगर निगम पर नियंत्रण मिला और चार दशकों से राज कर रही वाम सरकार का दबदबा टूटा।
राज्य स्तर पर UDF का प्रदर्शन कुल मिलाकर बेहतर रहा। 941 ग्राम पंचायतों में से यूडीएफ ने 505, 152 ब्लॉक पंचायतों में से 79, 14 जिला पंचायतों में से 7 और 87 नगरपालिकाओं में से 54 तथा 6 नगर निगमों में से 4 पर जीत दर्ज की। एलडीएफ दूसरे स्थान पर रहा और एनडीए तीसरे स्थान पर। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अपनी कोशिश की और तीन वार्डों में जीत हासिल की, जिनमें सभी विजेताओं महिला उम्मीदवार थीं। केरल में इस हार और आत्महत्या की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर हलचल मचा दी है। जीत-हार का भाव और उसके मानसिक प्रभाव को लेकर अब राज्य में चर्चा बढ़ गई है।