Edited By Rohini Oberoi,Updated: 05 Dec, 2025 03:21 PM

ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय का कैंसर) भारत में एक गंभीर बीमारी (Serious Disease) का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में भारत में ब्लैडर कैंसर के 22,548 मामले सामने आए थे जिनमें से 12,353 लोगों की मौत हो गई थी। इस...
Cancer Vaccine : ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय का कैंसर) भारत में एक गंभीर बीमारी (Serious Disease) का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में भारत में ब्लैडर कैंसर के 22,548 मामले सामने आए थे जिनमें से 12,353 लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच लंबे समय से इसकी वैक्सीन (Vaccine) का इंतज़ार किया जा रहा था और अब रूस की एक कंपनी ने यह वैक्सीन बना दी है जिससे राहत महसूस की जा रही है।

रूस की 'इमुरोन वैक' वैक्सीन
रूस ने ब्लैडर कैंसर की वैक्सीन 'इमुरोन वैक' (Imuron Vac) तैयार की है। इसे गैमेलिया सेंटर ऑफ एपिडेमियोलजी एंड माइक्रोबायोलजी ने बनाया है और जून में इसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। यह वैक्सीन पहले से ही कैंसर मरीज़ों की पोस्ट ऑपरेटिव थेरेपी (Post-Operative Therapy) में इस्तेमाल हो रही है। इसकी CIS देशों (जैसे आर्मेनिया) में बहुत मांग है। State Register of Drugs के अनुसार, इमुरोन वैक के दो डोज वाले पैक की कीमत 2,200 रूबल (लगभग ₹2,570-₹2,580) से थोड़ी कम होगी।
ब्लैडर कैंसर क्या है?
ब्लैडर कैंसर मूत्राशय (Urinary Bladder) में होने वाला कैंसर है। मूत्राशय वह थैली है जहां पेशाब (Urine) जमा होती है। जब ब्लैडर की अंदरूनी परत की कोशिकाएं (Cells) असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और गांठ (Lumps) बनाने लगती हैं तो इस स्थिति को ब्लैडर कैंसर कहा जाता है।

ब्लैडर कैंसर के लक्षण
इस बीमारी के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं जिन पर तुरंत ध्यान देना चाहिए:
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पेशाब में खून आना।
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बार-बार पेशाब आना।
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पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होना।
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पेट के नीचे या कमर में दर्द होना।
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पेशाब पूरा खाली न होने का एहसास होना।
कितना खतरनाक है ब्लैडर कैंसर?
इसकी गंभीरता कैंसर के चरण (स्टेज) पर निर्भर करती है:
| स्टेज |
विवरण |
गंभीरता |
| स्टेज 1 और 2 |
ब्लैडर के भीतर की परत तक सीमित। |
सही इलाज से सामान्य जीवन संभव। |
| स्टेज 3 |
ब्लैडर से बाहर आसपास के ऊतकों तक पहुँचना। |
जोखिम-भरा। इलाज से कई सालों तक जीवन संभव। |
| स्टेज 4 |
शरीर के दूसरे भागों (जैसे लिवर, फेफड़े, हड्डियां, लिम्फ नोड्स) तक फैल जाना। |
बहुत गंभीर। जीवनकाल महीनों से कुछ सालों तक संभव। |

कारण और बचाव के उपाय
मुख्य कारण:
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लंबे समय से धूम्रपान (Smoking) करना।
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केमिकल उद्योगों में काम करना।
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शरीर में लंबे समय से मौजूद ब्लैडर स्टोन (Bladder Stone)।
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उम्र बढ़ना, खासकर 50 साल के बाद।

बचाव के उपाय:
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धूम्रपान और तंबाकू जैसी चीजों का सेवन तुरंत बंद कर दें।
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पेशाब रोककर न रखें।
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खूब पानी पीएं (रोज 8 से 10 गिलास) ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल सकें।
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ज़्यादा पेनकिलर (Painkillers) न खाएं।
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फल-सब्जियां खाएं और नियमित व्यायाम करें।
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पेशाब में इंफेक्शन, जलन या खून दिखे तो तुरंत टेस्ट कराएं।